सरसों की नवीनतम अनशंसित किस्में
(सभी तस्वीरें- हलधर)डॉ. अशोक कुमार शर्मा,डॉ. विनोद कुमार, सरसों अनुसंधान निदेशालय, सेवर, भरतपुर
सरसों (लाहा) की किस्मों को प्रमुख रूप से अगेति, सामान्य समय और देर से बुवाई वाले सिंचित, बारानी, लवणीय, क्षारीय क्षेत्रों में पैदावार और गुणवत्ता के लिए वर्णित किया गया है। किसान को भी अपनी मिट्टी की किस्म, सिंचाई की उपलब्धता और बुवाई के समय के आधार पर उपयुक्त किस्मों का चयन करना चाहिए। किस्मों की औसत उपज, तेल अंश, परिपक्वता आदि प्राप्त करने के लिए उन्नत तकनीकों को अपनाना आवश्यक है।
परिस्थिति उपयुक्त किस्में
सिंचित और समय से बुवाई के लिए: गिर्राज, आरएच.-1975, आरएच.-749, एनआरसीडीआर.-2, आरजीएन.-73 और संकर सरसों में एनआरसीएचबी-506 उपयुक्त किस्में हैं।
बारानी/असिंचित क्षेत्र : डीआरएमआर.-1165-40, आरएच.-1424, आरएच.-725, आरएच.-761, आर. एच.-406, आरजीएन.-298 उपयुक्त किस्में हैं।
ं लवणीय -क्षारीय भूमि : सीएस.- 58, सीएस.-60।
अगेती बुवाई के लिये : पीएम.-25, पीएम.-27, पीएम.-28, पूसा तारक, पीआर. 2006-1 ।
देर से बुवाई : बृृजराज , राधिका, बीपीएम-11, एनआरसीएचबी.- 101, आरजीएन.-236, आरवीएम.-2, पीएम.-26।
गुणवत्ता पूर्ण खेती के लिए: पीएम.-32 ,पीएम.-34 (0 क्वॉलटि) , पीएम.-31, पीएम.-33, पीडीजेडएम.-35, पीडीजेडएम.-36 (00 क्वॉलटि) ।