पशुपालन

























सूखे और मोटे चारे की उपयोगिता

डॉ. अनिल कुमार लिम्बा, पशु चिकित्सा अधिकारी, पांचोडी, नागौर देश में उत्तम कोटि की पशुधन सम्पदा है। लेकिन, पौष्टिक पशु आहार का अभाव होने के कारण प्रति पशु दूध, मांस आदि की उत्पादकता अत्यन्त कम है। प्राकृतिक आपदाओं के कारण पशुओं की आवश्यकता के अनुसार उसी अनुपात में हरे चारे की पैदावर सम्भव नहीं हो पा रही है। विशेषकर राजस्थान जैसे प्रान्त जहां अकाल से प्रभावित क्षेत्र सर्वाधिक है। जिसकी वजह से राज्य का पशुधन और उसकी उत्पादकता प्रभावित होती है। भयंकर सूखे की स्थिति में यहां का पशुधन दूसरे राज्यों में पलायन तक कर जाता है या फिर चारे के अभाव में मृत्यु का शिकार हो जाता है।