बकरीपालन से उद्यमिता विकास संभव
(सभी तस्वीरें- हलधर)बीकानेर। राजस्थान पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलगुरू डॉ. सुमंत व्यास ने कहा कि बकरीपालन ना केवल स्वरोजगार साधन है। बल्कि, उद्यमिता विकास की संभावना भी इस व्यवसाय में छिपी है। यह कम लागत में ज्यादा आय प्रदान करता है। डॉ. व्यास प्रसार शिक्षा निदेशालय के द्वारा आयोजित कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होने बताया कि विश्वविद्यालय के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता विकास के लिए यह पहल शुरू की गई है। इसके तहत अलग-अलग विषयों पर निरतंर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जायेंगे। प्रशिक्षण के दौरा निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. राजेश कुमार धूडिय़ा ने प्रशिक्षणार्थियों को बकरी की विभिन्न नस्लों, आहार, आवास और स्वास्थ्य प्रबंधन के साथ-साथ बकरी पालन के लिए सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी। प्रशिक्षण समन्वयक डॉ. मोहन लाल चौधरी ने प्रशिक्षण में बीकानेर, हनुमानगढ़, पाली, बासंवाड़ा उदयपुर, चूरू, सिरोही, ब्यावर चित्तौडग़ढ़, श्रीगंगानगर जिले के पशुपालकों ने भाग लिया।
संविधान दिवस का आयोजन
उधर, विश्वविद्यालय में संविधान दिवस के अवसर पर संविधान पार्क में कुलगुरु डॉ. सुमंत व्यास ने संविधान की उद्देशिका का वाचन किया और संविधान के महत्व के बारे में प्रकाश डाला।