पशु आहार में मिलावट की पहचान

नई दिल्ली 09-Sep-2024 01:56 PM

पशु आहार में मिलावट की पहचान

(सभी तस्वीरें- हलधर)

जैसे-जैसे कृषि व्यवस्था यंत्र आधारित होती गई है, पशुपालन का मकसद शुद्ध रूप से व्यावसायिक होता गया है। दुग्ध उत्पादन एक बडे कारोबार का रूप ले चुका है। खासकर शहरों में दूध और दुग्ध उत्पाद की लगातार बढती मांग के मद्देनजर दुधारू पशुओं के पालन और दुग्ध उत्पादन को प्रोत्साहित किया जाता है। हालांकि देश के ज्यादातर राज्यों ने सहकारी दुग्ध समितियां गठित कर दी हैं, कई कंपनियां भी थैली का दूध और दुग्ध उत्पाद बेचती हैं। मगर बहुत सारे लोग शुद्धता के आग्रहवश अपने मुहल्ले की डेयरी अथवा दूधिया से दूध लेना बेहतर समझते हैं। लेकिन, दुग्ध और पशु आहार में मिलावट के बढते मामले हमारी चिंताओं को और गहरा कर रहे है। 
मिलावट की पहचान 
पशु आहार में मिलावट से पशुओं की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है, जिससे उनकी उत्पादकता भी कम हो सकती है। मिलावट की पहचान के लिए निम्नलिखित बातों पर ध्यान दें:
आहार का रंग: यदि आहार का रंग सामान्य से अलग है, तो यह मिलावट का संकेत हो सकता है। उदाहरण के लिए, अगर आहार में ज्यादा गहरा अथवा हल्का रंग है, तो उसमें रंगद्रव्य अथवा दूसरे रसायन मिलाए गए हो सकते हैं।
गंध: यदि आहार से अजीब अथवा असामान्य गंध आती है, तो यह खराबी अथवा मिलावट का संकेत हो सकता है। शुद्ध आहार की गंध ताजगी लिए होती है। जबकि, मिलावटी आहार में बदबू हो सकती है।
स्वाद: अगर संभव हो तो, थोड़ा सा आहार चखकर देखें। अगर इसमें कड़वाहट या अजीब स्वाद है, तो मिलावट की संभावना है।
संगठन: आहार को हाथ में लेकर महसूस करें। अगर इसमें असामान्य कठोरता, नमी, अथवा दानेदारपन है, तो इसमें मिलावट हो सकती है। उदाहरण के लिए, अगर आहार में रेत, मिट्टी, अथवा पत्थर के टुकड़े मिलते हैं, तो यह मिलावट का संकेत है।
भारीपन: अगर आहार अपेक्षा से ज्यादा भारी महसूस हो रहा है, तो इसमें नमक, गारा, अथवा दूसरे भारी पदार्थ मिलाए गए हो सकते हैं।
जल में घुलनशीलता: थोड़ी मात्रा में आहार को पानी में डालकर देखें। शुद्ध आहार पानी में आसानी से नहीं घुलता, जबकि मिलावटी आहार में रंग अथवा अन्य पदार्थ पानी में घुल सकते हैं।
घर पर संाद्र आहार (बांटा) कैसे बनाएं
पशुओं के लिए बांटा पोषक तत्वों से भरपूर होता है और इसे घर पर आसानी से तैयार किया जा सकता है। निम्नलिखित सामग्री और विधि का उपयोग करके आप घर पर उच्च गुणवत्ता वाला बांटा बना सकते हैं:
सामग्री:
अनाज 

मक्का , जौ अथवा गेहूं , प्रोटीन स्रोत , मूंगफली/सरसों/कपास की खली, सोयाबीन की खली ,चना / मूंग / मोठ / उड़द / अरहर चूरी , फ ाइबर स्रोत , गेहूं का चोकर , चावल का चोकर , खनिज मिश्रण , विटामिन ए, डी, इ मिश्रण 
बांटा बनाने की विधि:
अनाज को पीसें: पहले मक्का, ज्वार, बाजरा अथवा गेहूं को पीसकर बारीक पाउडर बना लें। यह कार्बोहाइड्रेट का अच्छा स्रोत है और पशुओं को ऊर्जा प्रदान करेगा। ऊर्जा के स्रोत के लिए लगभग 40 प्रतिशत अनाज मिलाएं।
प्रोटीन स्रोत मिलाएं: अब पीसे हुए अनाज में मूंगफली/सरसों/कपास/सोयाबीन की खल और  चना / मूंग / मोठ/उड़द/अरहर चूरी मिलाएं। यह प्रोटीन का अच्छा स्रोत है जो पशुओं की वृद्धि और दूध उत्पादन में सहायक होता है। प्रोटीन के स्रोत के लिए खल व चूरी लगभग 30-35 प्रतिशत मिलाएं।
चोकर मिलाएं: मिश्रण में थोड़ी मात्रा में गेहूं/चावल का चोकर मिलाएं। यह फाइबर का स्रोत होता है और पशुओं के पाचन तंत्र के लिए आवश्यक होता है। फ ाइबर स्रोत के लिए गेहूं अथवा चावल की चोकर लगभग 20-25 प्रतिशत मिलाएं।
विटामिन और खनिज मिश्रण डालें: पशुओं के समग्र स्वास्थ्य के लिए आवश्यक विटामिन और खनिज को सुनिश्चित करने के लिए यह मिश्रण डालें। 2 प्रतिशत खनिज लवण और 1 प्रतिशत विटामिन ए, डी, ई का मिश्रण मिलाएं।
नमक और गुड़ डालें: अंत में, स्वाद और पोषण के लिए आवश्यक नमक और गुड़ मिलाएं। गुड़ को पहले थोड़ा पानी में घोल लें और फिर मिश्रण में डालें।
अच्छी तरह से मिलाएं: सभी सामग्री को अच्छी तरह से मिलाएं ताकि मिश्रण समान रूप से तैयार हो जाए।
भंडारण: तैयार संाद्र आहार (बांटेे) को एक सूखी और हवादार जगह पर स्टोर करें। इसे नमी से बचाकर रखना चाहिए ताकि यह लंबे समय तक उपयोग के योग्य बना रहे।
लाभ:
घर पर बनाए गए संाद्र आहार (बांटेे) की गुणवत्ता को आप नियंत्रित कर सकते हैं।
इसे बनाने की लागत बाजार से खरीदे गए आहार की तुलना में कम हो सकती है।
आपके पशु के पोषण की आवश्यकताओं के अनुसार आहार को संशोधित किया जा सकता है।
डॉ. महेन्द्र सिंह मील, सहायक आचार्य, पशु विज्ञान महाविद्यालय, नवानिया, उदयपुर


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