आहार प्रबंधन से नीली क्रांति को प्रोत्साहन (सभी तस्वीरें- हलधर)
यदि आहार अच्छा है। लेकिन, आहार और आहार की विधियां अनुचित होने के कारण पानी प्रदूषित हो सकता है जिसके परिणाम स्वरूप उत्पादन क्षमता मे कमी आ सकती है। उचित आहार प्रबंधन के कार्यान्वयन से पर्यावरण को बिना प्रदूषित किए प्रति इकाई लागत में मछली उत्पादन मे वृद्धि की जा सकती है। उल्लेखनीय है कि मछली पालन में होने वाले खर्चों में 50-60 प्रतिशत मत्स्य आहार पर व्यय होता है। बड़े व्यवसायी तो अपनी आवश्यकता के अनुसार मत्स्य आहार खरीद लेते है। लेकिन, लघु मत्स्य पालक बाजार से आहार की खरीद कम करते है। ऐसे मत्स्यपालक आहार लागत घटाने के लिए घर पर ही आहार तैयार कर सकते है।
आहार की दर
आहार की मात्रा
आहार की बारंबारता
आहार की बारंबारता यह दर्शाती है कि एक दिन मे मछली के तालाब में कितने बार आहार देना है चाहिए। उदाहरण के तौर पर यदि मछलियों की प्रतिदिन की खुराक 2 किग्रा है और आहार बारंबारता भी 2 है तो खुराक को दो भागों में विभाजित करके मछलियों को दिन मे दो बार खिलाया जाता है।
आहार देने का तरीका
ब्रॉडकास्टिंग : इस विधि में आहार की ज्ञात मात्रा को हाथ के द्वारा तालाब में बिखेरा जाता है। छोटे तालाब (0.5 हैक्टेयर) के किनारे से आहार को तालाब मे बिखेरा जाता है। बड़े तालाब (0.5 हैक्टेयर) मे आहार को छोटी नाव के द्वारा बिखेरा जाता है। मिश्रित मछली पालन प्रणाली मे कभी भी कुचला हुआ आहार को ब्रॉडकास्ट विधि द्वारा नही देते हैै। मिश्रित मछली पालन प्रणाली में अकेले ही जल्दी डूबने वाले पैलेट्स को ब्रॉडकास्ट विधि द्वारा नहीं दिया जाता है । लेकिन, धीरे-धीरे डूबने वाले और तैरने वाले पैलेट्स के संयोजन को (1:1) दिन में 2 से 3 बार तक तालाब में बिखेर सकते है। हवा के झोंके बिखरे हुए पैलेट्स को तालाब के किनारे इक_ा कर सकते है, और यह पैलेट्स को मछलियों के लिए अनुपलब्ध कर सकते है, इसको रोकने के लिए तालाब मे प्लास्टिक के छल्लो उपयोग किया जा सकता है।
बोरी मे भरकर लटकाना
बैग फीडिंग विधियां
एक स्तरीय बैग फीडिंग विधि: इस विधि मे दैनिक आवश्यक आहार की मात्रा को विभाजित करके सीमेंट अथवा पॉलिथीन के बोरे मे भरा जाता है। बोरे के मुंह को धागे से बांधकर नायलॉन की रस्सी की सहायता से बास के डंडों से तालाब मे उचित गहराई (1.5-2.5 फीट मिश्रित कार्प पालन) पर विभिन्न जगहों पर लटकाया जाता है (8 से 10 फीट तालाब के किनारे से दूरी पर)। तालाब के विभिन्न स्थानो पर प्रति हैक्टयर के हिसाब से 14 से 16 बैग लगाए जाते है।
त्रिस्तरीय बोरे से आहार खिलाने की विधि
यह विधि एक स्तरीय बैग से खाना खिलाने के समान ही है। परंतु इस विधि मे एक गहराई के बजाय बोरे को विभिन्न गहराइयो (1.5 फीट, 3.5 फीट, 5.5 फीट) पर बांस के डंडों अथवा रस्सी की सहायता से तालाब मे अलग-अलग स्थानो पर लटकाया जाता है। इस विधि मे प्रति हैक्टयर के लिए 14 से 16 अलग-अलग स्थानों पर 42 से 48 बोरो की आवश्यकता होती है।
थाली अथवा बाल्टी के द्वारा खाना खिलाना
यह भी एक कम लागत पर आहार देने की विधि है, इस विधि मे दैनिक आवश्यक आहार की मात्रा को थाली (प्लास्टिक या एलुमिनियम) अथवा बाल्टी (बांस) मे रख कर तालाब मे रखा जाता है.। बोरे से आहार खिलाने की विधि की तरह, थाली और बाल्टी विधि को भी एक या तीन स्तरीय के रूप मे उपयोग किया जा सकता है। मिश्रित मछली पालन प्रणाली के ऊपर तालाब मे एक व तीन स्तरीय आहार देने की विधि का उपयोग किया जा सकता है। थाली व बाल्टी को स्थापित करने की विधि बैग फ ीडिंग के समान ही होती है, लेकिन कभी कभी थाली को बांस के डंडों से बांधकर तालाब के किनारे से तालाब के अंदर लटकाया जाता है। इस विधि के द्वारा गीला पिंड, डूबने वाले पैलेट्स, या पका हुआ पिंड मछलियो को खिलाया जाता है।