जैव विविधता का समझना होगा मूल्य (सभी तस्वीरें- हलधर)
जैव विविधता के गॉडफादर के रूप में लोकप्रिय अमेरिकी पारिस्थितिकी विज्ञानी थॉमस ई. लवजॉय की एक मार्मिक टिप्पणी है, जैविक विकास की अंतिम विडंबना यह हो सकती है कि मनुष्य के मस्तिष्क के माध्यम से आत्म-समझ प्राप्त करने के तुरंत बाद जीवन ने अपनी सबसे सुंदर रचनाओं को नष्ट कर दिया होगा। जीवन की विविधता के मूल में एक मूलभूत सत्य निहित है जगत में सबकुछ अंतर्संबंधों से बंधा है। जैव विविधता जीवन के स्थायित्व और चिरंजीविता के केंद्र में है, किंतु जैव विविधता के योग से भी परे अस्तित्व से आलोक से सराबोर जीवन स्वयं में नैसर्गिक विकास (इवोल्यूशन) की एक मनोरम गाथा का प्रतीक है। जैव विविधता ही जीवन की नैया की खेवनहार है। जितनी अधिक जैव विविधता, उतना ही अधिक जीवन का उत्कर्ष, उतना ही प्रबल जीवनगामी पृथ्वी का ब्रह्मांड में साम्राज्य। जैव विविधता जीवन की शाश्वतता की अनंत कथा है। जैव विविधता प्रकाश की जीवंत कहानी है, जिसे सूर्य का प्रकाश प्रकाश-संश्लेषण के माध्यम से जीवन ऊर्जा के अनंत रूपों में खिलकर आकाशगंगाओं को सुनाता है। प्रकाश की सृजनात्मक क्षमता असीमित है। पेड-पौधों के पर्णहरित से अठखेलियां कर प्राकृतिक विकास के नवाचारों के झरोखे खोलता प्रकाश अनंत जीवों और पारिस्थितिक तंत्रों को निरंतर पोषित करता है। जीवन कथा को अमर बनाए रखने के लिए समय की धारा के साथ नई प्रजातियां और उनके आनुवंशिक रूप जीवन को समृद्धि और आनंद का उपहार देते रहते हैं। एक बहती नदी के समान ऊर्जा जीवन के विभिन्न माध्यमों से स्वयं को अभिव्यक्त करती है। पदार्थ निष्क्रिय होता है, ऊर्जा क्रियाशील। पदार्थ की क्रियाशीलता ऊर्जा के कारण ही होती है। संपूर्ण ब्रह्मांड की गतिशीलता का स्रोत ऊर्जा ही है। मुक्तावस्था में ऊर्जा विध्वंसक रूप ले सकती है, जिसे एन्ट्रॉपी कहते हैं। असंख्य जीव-वाहिकाओं में प्रकाश संश्लेषण के माध्यम से प्रवेश कर सौर ऊर्जा एक रचनात्मक अभिव्यक्ति प्रदर्शित करती है। सभी जीवधारियों का व्यवहार और उनके कार्य-कलाप उसी ऊर्जा की रचनात्मक अभिव्यक्तियां हैं। मुक्तावस्था में यही ऊर्जा अराजक हो सकती थी। ऊर्जा जीवन की जितनी विविधता में क्रियाशील होगी, उतनी ही सृजनशीलता और संतुलन की अवस्था में होगी। इसी प्रकार, पृथ्वी की भी ब्रह्मांड के संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका है। ब्रह्मांड की एन्ट्रॉपी को नियंत्रित कर एक ब्रह्मांडीय संतुलन स्थापित करना ही जैव विविधता-भरी पृथ्वी का अनुष्ठान है। पृथ्वी पर जीवन केवल पृथ्वी का ही नहीं, ब्रह्मांड का एक उपादान है। पृथ्वी का उदय ब्रह्मांड के विकास की अनवरत यात्रा का एक लक्ष्य रहा होगा। ब्रह्मांड में बिग बैंग की घटना से कालांतर में पृथ्वी-रूपी अमृत निकला, जैव विविधता जिसकी बूंदें हैं। ऐसे परिदृश्य पर विचार करें, जहां जीवन केवल एक ही प्रजाति के रूप में हो। ऐसा जीवन निरा अनिश्चित-सा होगा और ऐसी दशा में पृथ्वी कभी भी दुर्भिक्ष या किसी महामारी के कारण जीवन-विहीन हो सकती है। जीवों की घनी विविधता ने ऐसी संभावनाओं को क्षीण कर दिया। जीवन की स्थिरता, गतिशीलता और निरंतरता उसकी विविधता पर निर्भर है। जैव विविधता जीवन को जलवायु संबंधी अनियमितताओं के प्रति लचीला बनाती है और प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करने में सक्षम जीव समुदायों को पोषित करती है। विविधता स्वयं जीव समुदाय के लिए अस्तित्व का कारक है। जैव विविधता का समृद्ध भंडार जैव-रासायनिक चक्रों की निरंतरता सुनिश्चित करता है। इसके अतिरिक्त, जैव विविधता पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखती है और जैवमंडल के जीवन-निर्वाह को संरक्षित करती है। जैव विविधता हमारे जिंदा ग्रह को जीवन-शक्ति प्रदान करती है। इस अद्भुत विविधता के जागरूक प्रबंधक के रूप में आने वाली पीढियों के लिए जीवन के बहुरूप दर्शन को संरक्षित करना हमारा परम दायित्व है। पारिस्थितिक दार्शनिक हेनरिक स्कोलिमोस्की ने अस्तित्व संरक्षण के लिए जैव विविधता के आंतरिक मोल पर जोर देते हुए मानवता और प्रकृति के बीच गहन अंतर्संबंध को गहराई से स्पष्ट किया है। जीवों के पारस्परिक तालमेल और मानव सहित संपूर्ण जीवन के अस्तित्व के लिए जैव विविधता जीवन के मूल सार का प्रतीक है। जैव विविधता जीवन की रचनात्मकता की असंख्य अभिव्यक्तियों को दर्शाती है, जिसमें प्रजातियों, पारिस्थितिक तंत्र और आनुवंशिक विविधता का समृद्ध स्पेक्ट्रम सम्मिलित है और जो हमारे ग्रह पर स्वयं हमारी प्रजाति के अस्तित्व के पहले से निवास करते हैं। स्कोलिमोस्की की पारिस्थितिक दर्शन की अंतर्दृष्टि हमें जैव विविधता को केवल दोहन किए जाने वाले संसाधन के रूप में नहीं, वरन एक पवित्र विरासत के रूप में समझने के लिए प्रेरित करती है। सूक्ष्म जीव से लेकर विशालकाय रेडवुड तक, प्रत्येक जीव पारिस्थितिक संतुलन और स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए जीवन की जटिल प्रक्रियाओं में योगदान देते हैं। स्कोलिमोस्की की दृष्टि में, जैव विविधता जीवित पृथ्वी की परम आत्मा का प्रतीक है, जिसके बल पर हमारा जैव मंडल जीवन-शक्ति और संतुलन के साथ स्पंदित होता है। अभूतपूर्व पर्यावरण चुनौतियों के युग में जैव विविधता जीवन के अस्तित्व की कुंजी है। जैसे-जैसे जलवायु परिवर्तन में तेजी आ रही है और पारिस्थितिकी तंत्र ब?ते खतरों का सामना कर रहा है, पारिस्थितिक दर्शन से मिला ज्ञान हमें प्रकृति के साथ अपने रिश्तों को फिर से जागृत करने और पारिस्थितिक प्रबंधन के प्रतिमान को अपनाने का आग्रह करता है। जैव विविधता से भावी पीढियों के लिए सुख, समृद्धि और संतोष की विरासत सुनिश्चित होती है। हेनरिक स्कोलिमोस्की का पारिस्थितिक-दर्शन अस्तित्व के ब्रह्मांडीय स्पंदन के भीतर जैव विविधता के मोल का गहरा प्रमाण प्रस्तुत करता है। जैव विविधता को एक पवित्र विरासत के रूप में अपनाकर हम अपने ग्रह पर संपूर्ण जीवन के लिए अधिक सामंजस्यपूर्ण और टिकाऊ भविष्य की दिशा में एक रास्ता बना सकते हैं।
-प्रो. वीर सिंह, जीबी पंत कृषि विश्वविद्यालय