टमाटर की संरक्षित और मैदानी खेती

नई दिल्ली 17-Oct-2024 03:20 PM

टमाटर की संरक्षित और मैदानी खेती

(सभी तस्वीरें- हलधर)

इन सबके अलावा कैरोटिनायडस और विटामिन सी भी बहुतायत मात्रा में पाए जाते हैं । गौरतलब है कि प्रदेश में टमाटर की संरक्षित और मैदानी खेती किसान कर रहे है। आलेख में संरक्षित और मैदानी फसल उत्पादन की तकनीक पर जानकारी दी गई है।  
टमाटर की संरक्षित खेती
>     पॉलीहाउसमें टमाटर उत्पादन के लिए किसान को निम्न तैयारी करनी होती है। 
>     भूमिसे 15 सेमी उठी क्यारी का निर्माण। 
>     क्यारी-1 मीटर चौडी, 0.15 मीटर ऊंची, लम्बाई आवश्यकतानुसार। 
>     दोक्यारी की दूरी- 70 सेमी.
>     क्यारियांतैयारी करने के बाद फ ामेंसिस्ट से उपचारित करते है। इसके लिए क्यारियो की सिंचाई करके मिट्टी की भुरभुरा बना लेते है। 7.05 लीटर  फॉर्मोलिन 75 लीटर जल में घोल बनाकर  प्रति 100 वर्ग मीटर क्षेत्र के हिसाब  से मृदा में डालते है। मृदा को 5 दिन के लिए पॉलिथिन से ढक देते है। 2 सप्ताह बाद क्यारियों की  निराई-गुडाई कर उसे खुला छोड़ देते है। इसके बाद पौधरोपण करते है। 
>     बुवाईसमय- नवम्बर-दिसम्बर (शरद ऋतु) 
>     बीजदर- 100-150 ग्राम संकर बीज।
>     उन्नतकिस्म- पूसा रूबी, अर्का सौरभ, आलोक, आभा, उपहार, 120, दिव्या, शीतल, विशाल, अभिजीत, सोनाली, पंत बहार, रोमा, पंजाब केसरी,   एचएस-101, एनए- 601,  बीएस-एच 20,  अविनाश - 2, एमटीएच-6 (इसके अलावा निजी बीज कंपनियों का बीज भी बाजार में उपलब्ध है। गुण-धर्म देखकर बीज खरीद सकते हैं।)
>     बीजोपचार- 2 ग्राम कैप्टान प्रति किग्रा बीज
नर्सरी तैयारी करना
मजबूत पौध तैयार करने के लिए 10 ग्राम डाई अमोनियम फॉस्फेट और 1.5 से 2.0 किग्रा सड़ी गोबर खाद प्रति वर्ग मीटर से क्यारी में मिलाये। प्रति एकड़ क्षेत्र में एक मीटर चौड़ी, 5 मीटर लम्बी और भूमि से ऊंची उठी 25 क्यारी बनाये। बीज को 5-7 सेमी की दूरी पर बुवाई करें। बीज अंकुरण के साथ कैप्टॉन 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर क्यारी का उपचार करे। पौध 4-5 सप्ताह की होने के बाद रोपाई करें। 
नर्सरी में कीट नियंत्रण हेतु मैन्कोजेब 2 ग्राम प्रति लीटर पानी के हिसाब से घोल बनाकर छिड़काव करे। 
पौध रोपाई 
पौध की दूरी- 50-60 सेमी
खाद- उर्वरक
प्रत्येक वर्ष प्रति वर्ग मीटर 3 किलोग्राम गोबर की सड़ी खाद। 12 से 15 ग्राम नत्रजन 6-9 ग्राम फ ॉस्फ ोरस,  6-9 ग्राम पोटाश प्रति वर्ग मीटर क्षेत्र में दे। 
सहारा देना-  सहारा देने के लिए रोपाई के 30 से 45 दिन के बाद बांस अथवा लकड़ी के डंडो में विभिन्न उचांई पर छेद करके तार बॉध दे। फि र, पौधों को सुतली की सहायता से तार पर बांध दे। 
मैदानी खेती
उन्नत किस्म :- अर्का सौरभ, मेघाली, विकास, अहुती, आशीष, आभा, आलोक, एचएस-101, 102, 110, हिसार अरुण, लालमा, ललित, अनमोल, केएस-2. नरेंद्र टमाटर-1, 2, पूसा रेड पुम, अर्ली वावर, गौरव, रूबी, सीओ-1, 2, 3, एस -12, पंजाब चुहारा, पीकेएम-1,  पायईयुर -1, शक्ति, एसएल-120,  पंत बहार, पंत टी-3, सोलन गोला। 
(इसके अलावा निजी बीज कंपनियों का बीज भी बाजार में उपलब्ध है। गुण-धर्म देखकर बीज खरीद सकते हैं।)
संकर किस्म :- अर्का अभिजीत, श्रेस्ता, विशाल, वर्धन, पूसा हाइब्रिड-1, 2, कोथ-1 हाइब्रिड टमाटर, रश्मि, वैशाली, रूपाली, नवीन, अविनाश-2, एमटीएच-4, सदाबहार, गुलमोहर और सोनाली । (इसके अलावा निजी बीज कंपनियों का बीज भी बाजार में उपलब्ध है। गुण-धर्म देखकर बीज खरीद सकते हैं।)
खाद - उर्वरक - 200-250 क्विंटल सड़ी गोबर खाद, 100-150 कि ग्रा नाइट्रोजन, 60-80 किग्रा स्फुर, 50-60 किग्रा पोटाश। नत्रजन की एक तिहाई और स्फुर-पोटाश की पूरी मात्रा रोपाई से पूर्व उपयोग करें। नत्रजन की शेष मात्रा को 25-30 दिन और 45-50 दिन बाद खड़ी फसल में टाप ड्रेसिंग करें। 
बीज दर- 350-400 ग्राम देसी अथवा 200-250 ग्राम संकर किस्म प्रति हैक्टयर। 
कतार की दूरी- 60 सेमी।  पौधे की दूरी- 60 सेमी
(नर्सरी तैयार करना और पौध रोपाई का तरीका संरक्षित खेती के समान है।