सरसों की बुवाई: बीज दर और उर्वरक प्रबंधन
(सभी तस्वीरें- हलधर)डॉ अशोक कुमार शर्मा,डॉ विनोद कुमार, सरसों अनुसंधान निदेशालय, सेवर, भरतपुर
भूमि उपचार: भूमिगत कीट नियंत्रण के लिए अंतिम जुताई के समय 1.5 प्रतिशत क्यूनॉलफ ॉस पाउडर 25 किग्रा प्रति हैक्टयर की दर से मिट्टी में मिलाएं।
बीज दर: 4-5 किग्रा. (सिंचित), बारानी, लवणीय, क्षारीय क्षेत्र में 25 प्रतिशत अधिक प्रति हैक्टयर।
बीज उपचार: कार्बेन्डाजीम (बावस्टीन) की 2 ग्राम प्रति किलो बीज। सफेद रोली प्रभावित क्षेत्रों में एप्रोन (एस. डी. 35) 6 ग्राम प्रति किग्राम बीज। मृदाजनित रोगों की रोकथाम के लिए ट्राईकोडर्मा 6 ग्राम प्रति किग्राम बीज। प्रारंभिक अवस्था में चितकबरा कीट अथवा पेंटेड बग से बचाव के लिए इमिडाक्लोप्रिड 70 डब्लूपी. 7 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से उपचारित कर बुवाई करें।
बुवाई का उचित समय: सितम्बर मध्य से अक्टूबर अंत तक। पूर्वी क्षेत्रों जैसे कि पश्चिम बंगाल, असम और उड़ीसा में बुवाई नवंबर मध्य तक।
बुवाई विधि: सरसों की बुवाई पंक्तियों में सीड ड्रिलों द्वारा 30 सेमी की दूरी पर ही करें । बीज की बुवाई 3-5 सेन्टीमीटर की गहराई पर। जबकि, उर्वरको को 7-10 सेन्टीमीटर गहराई में डालना चाहिए।
उर्वरकों का उपयोग:
सिंचित में 80-120 किग्रा नत्रजन, 50-60 किग्रा फास्फोरस और 20-40 किग्रा पोटाश, सल्फर प्रति हैक्टयर।
असिंचित में 40-60 किग्राम नत्रजन, 20-30 किग्रा फास्फोरस, 20 किग्रा पोटाश और सल्फ र । सिंचित स्थितियों में नत्रजन की आधी मात्रा, फ ास्फ ोरस-पोटाश और सल्फर की पूरी मात्रा बुवाई के समय। श्ेाष आधी नत्रजन को पहली सिंचाई करने के बाद खेत में जब पैर चिपचिपाते हों, तब बिखेरना (टोप ड्रेसिंग) चाहिए । असिंचित फसल में सभी पोषक तत्वों की पूरी मात्रा को बुवाई के समय ही डाला जाता है।
सूक्ष्म पोषक तत्व: जिंक की कमी वाली भूमि में बुवाई से पहले 25 किग्रा जिंक सल्फेट प्रति हैक्टयर अकेले या जैविक खाद के साथ प्रयोग किया जा सकता है। इसका उपयोग 0.5 प्रतिशत जिंक सल्फेट और 0.25 प्रतिशत बुझे हुए चूने (500 लीटर पानी में 2.5 किग्रा जिंक सल्फेट और 1.0 किग्रा बुझे हुए चूने का घोल प्रति हैक्टयर ) का घोल बनाकर फिर छान कर पौधे की 30 दिन की अवस्था से 15 दिन के अन्तराल पर 2 छिड़काव करें। बोरोन की कमी वाली मृदाओं में 10 किलोग्राम बोरेक्स प्रति हैक्टयर की दर से खेतों में बुवाई से पूर्व मिला दिया जाये तो अच्छा लाभ मिलता है