डेंगू में बकरी का दूध उपयोगी, स्वास्थ्य विशेषज्ञों की बड़ी जानकारी
(सभी तस्वीरें- हलधर)बकरी का दूध पीने से डेगूं मरीज की प्लेटलेट्स बढ़ जाती हैं। बकरी का एक लीटर दूध मरीज को देने से दूसरे ही दिन ही मरीज की प्लेटलेट्स की संख्या अचानक से 20-25 हजार से बढ़कर 70-80 हजार तक पहुंच जाती के दांवे इन दिनों किए जा रहे है। कुछ ऐसे ही बातों के चलते इन दिनों बकरी के दूध की मांग बढ़ गई है। वहीं, दुग्ध के दाम में भी इजाफा हुआ है। लेकिन, बकरी के दूध के चमत्कार का गुणगान क्या सही है अथवा नहीं। इस बात जानकारी आपको होना बेहद जरूरी है कि बकरी का दूध वास्तव में चमत्कारी है अथवा नहीं। इस बात को लेकर हलधर टाइम्स की कृषि विज्ञान केन्द्र, गुडामालानी में कार्यरत पशुधन विशेषज्ञ डॉ. ममता कुमारी से हुई वार्ता के अंश...

बकरी के दूध में ऐसी क्या खासियत है, जो दूसरे दुग्ध में नहीं।
बकरी के दूध में फैट की मात्रा 3.8 ग्राम होती है, जो कि गाय के दूध में 3.6 और इंसान के दूध में 4 ग्राम होती है। प्रोटीन की बात की जाए तो बकरी के दूध में यह 3.5 ग्राम होती है। जबकि, गाय के दूध में 3.3 ग्राम और इंसानी दूध में 1. 2 ग्राम ही होती है। लैक्टोज (कार्बोहाइड्रेट) बकरी के दूध में 4.1 ग्राम, गाय के दूध में 4.6 और इंसान के दूध में 6.9 ग्राम होता है। बकरी के दूध में 70 कैलोरी मिलती हैं। जबकि, गाय के दूध में 69 और इंसानी दूध में 68 कैलोरी होती हैं। टोटल सॉलिड की बात करें तो बकरी के दूध में यह 12.2, गाय और इंसान के दूध में 12.3 ग्राम होता है। बकरी के दूध में विटामिन सी-2 फीसदी, कैल्शियम-13 फीसदी, विटामिन-डी 12 फीसदी, कोबालामिन 1 फीसदी, मैग्नीशियम 3 फीसदी होता है। जबकि आयरन और विटामिन बी-6 बकरी के दूध में बिल्कुल भी नहीं होता। कुछ यही गुण है जो बकरी के दुग्ध को औषधीय बना देते है। गौरतलब है कि बकरी के दुग्ध की यह पूरी गणना 1 लीटर दूध पर आधारित है।
बकरी का दूध डेंगू में फायदेमंद होता है ?
बकरी का दूध डेंगू में फायदेमंद होता है, यह बात बिल्कुल सही है। इसका कारण यह है कि बकरी के दूध में वाटर कंटेट ज्यादा होता है, जिसके कारण यह पचाने में आसान होता है। इसे पीने से उल्टी नहीं होती, पेट दर्द नहीं होता और पचने के बाद इससे खून की मात्रा भी बढ़ती है। डेंगू के दौरान नसें कमजोर हो जाती हैं , इंट्रावास्कुल फ्लूइड लीक होने लगता है। इसके आकरण पूरे शरीर में सूजन होने लगती है। फेफड़ों में पानी भरने लगता है। बकरी का दूध इंट्रा वास्कुलर वॉल्यूम को बनाए रखता है। इससे बकरी दूध के प्लेटलेट्स तो नहीं बढ़ते, लेकिन इससे फायदा जरूर होता है।
बकरी के दुग्ध में कौनसे पोषक तत्व पाएं जाते है?
बकरी के दूध में एग्लूटिनिन नाम का कंपाउंड नहीं होता है। यह दूध में मौजूद वसा को एकत्र नहीं होने देता है। गाय के दूध में यह तत्व मौजूद होता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक बकरी के दूध में छोटे फैट पार्टिकल होते हैं। साथ ही, इसमें उपलब्ध प्रोटीन छोटे बच्चों में होने वाली दूध उलटने की समस्या को कम करने में मदद करता है। गाय के दूध के मुकाबले बकरी के दूध में सेलेनियम, नियासिन और विटामिन ए की मात्रा अधिक होती है। अध्ययनों में यह भी पता चला है कि गाय के दूध की अपेक्षा बकरी के दूध में एलर्जी बढ़ाने वाले तत्व नहीं होते हैं। साथ ही इसमें लैक्टोज की मात्रा भी गाय के दूध के मुकाबले काफी कम होती है। अध्ययनों यह भी दावा किया जाता है कि बकरी के दूध में दिमाग की क्षमता बढ़ाने वाले सन्युग्म लिनोलिक ऐसिड भी होता है। शोध में कहा गया है कि बकरी का दूध आयरन के बेहतर इस्तेमाल में मदद करता है। इससे आयरन और कैल्शियम, फॉस्फोरस और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स के साथ परस्पर क्रिया की संभावना कम हो जाती है।
बकरी दुग्ध और किस तरह मददगार है?
बकरी के दूध पीने वाले व्यक्ति का ब्लड प्रेशर भी नियंत्रित रहता है। क्योंकि, बकरी के दूध में पोटेशियम का स्तर काफी ज्यादा होता है जो ब्लड प्रेशर को कम या ज्यादा होने से रोकती है। इसके अलावा बकरी के दूध में सेलेनियम नामक एक मिनरल पाया जाता है। इसके अलावा बकरी का दूध प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाने में मददगार होता है। कई डॉक्टर बच्चों को इसके सेवन का सुझाव देते है। इसके दूध में भारी मात्रा में कैल्शियम होता है जिससे हड्डियां मजबूत होती है और बच्चा जल्द चलने लगता है। इसके अलावा बकरी के दूध में 35 प्रतिशत तक फैटी एसिड मौजूद होता है जो शरीर के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है।