मैथी की वैज्ञानिक खेती

नई दिल्ली 22-Oct-2025 01:21 PM

मैथी की वैज्ञानिक खेती

(सभी तस्वीरें- हलधर)

इसके बीज में डायोस्जेनिंग नामक स्टेरायड के कारण फार्मास्यूटिकल उद्योग में इसकी मांग रहती है। इसका उपयोग आयुर्वेदिक दवाओं में किया जाता है। मेथी का बीज शांतिदायक, मूत्रवर्धक, शक्तिवर्धक, वायुनाशक, पोषक और कामोद्दीपक होता हैं।
भूमि - दोमट अथवा बलुई दोमट, पीएच मान -6- 7
खेत की तैयारी-3-4 जुताई बाद पाटा लगाये।  
दीमक नियंत्रण- क्यूनालफॉस 1.5 प्रतिशत चूर्ण 25 किग्रा प्रति हैक्टयर बुवाई पूर्व जमीन में मिलाए।
उन्नत किस्म- एनआरसीएसएस-ए, ए-एम-2, राजस्थान मेथी 1, 305, कोयम्बटूर-1, 2, राजेन्द्र क्रांति, राजेन्द्र आभा, लाम मेथी, पूसा अर्ली बंचिग, कसूरी मेथी, अजमेर-3, आरएमटी-1, 143, 303, 305, 351, 361, 365, सीओ-1, 2, हिसार सुरभी, गुजरात मेथी-7
बुवाई समय- नवम्बर
बीज दर - 20-25 किग्रा. देशी मेथी, 10 किग्रा. कसूरी मेथी प्रति हैक्टयर।
बीजोपचार - 4-6 ग्राम कार्बेण्डाजिम प्रति किग्रा बीज। फिर राइजोबियम कल्चर से।
2 कतार की दूरी- 30 सेमी
पौध से पौध की दूरी- 10 सेमी
गहराई- 3-4 सेमी
खाद- 3 सप्ताह पहले 10 टन गोबर खाद प्रति हैक्टयर।
उर्वरक- 25 किग्रा नाईट्रोजन, 20-20 किग्रा पोटाश-फॉस्फोरस।


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