सुपरफूड किनोवा: किसानों के लिए रबी सीजन की नई कमाई फसल
(सभी तस्वीरें- हलधर)किनोवा रबी सीजन की फसल है। इसकी खेती अक्टूबर से मार्च तक की जाती है। यह पत्तेदार सब्जी बथुआ की प्रजाति का पौधा है। जो शुरुआत में हरे रंग का पौधा होता है और परिपक्वता के समय गुलाबी रंग में बदल जाता है। इसकी ऊंचाई 3-6 फीट होती। यह प्रोटीन का बेहतरीन स्त्रोत है। इसमे 64 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट, 14 प्रतिशत प्रोटीन और 6 प्रतिशत वसा होती है। इसका उपयोग अनाज कि भांति किया जाता है। यह न तो अनाज है और न ही घास है। इसमें ग्लुटीन नहीं होता है। इसमें दूध से 4 गुना प्रोटीन होता है। बीज का सेवन सब्जी, सुप, दलिथा, रोटी एवं खिचड़ी बनाने में किया जाता है। इसके अलावा किनोवा में सभी अमीनो अम्ल होते है इसका उपयोग आटा, सुप और बीयर बनाने में किया जाता है।
खेत की तैयारी- 2-3 जुताई कल्टीवेटर से करके पाटा चलाकर मिट्टी को भुरभुरा कर लेना चाहिए।
बुवाई समय-नवम्बर
बीज दर- 2.5 से 5 किग्रा. बीज प्रति हैक्टयर
बीजोपचार- थायरम अथवा मेंकोजेब 4 ग्राम प्रति किग्रा बीज ।
बुवाई कि विधि- इसकी बुवाई कतार में करें। छिडकाव विधी में इसके बीज को रेत अथवा राख में मिलाकर छिड़काव करे। कतार में बुवाई करने पर लाईन से लाईन की दूरी 30-35 सेन्टीमीटर और पौधे से पौधे कि दुरी 12-15 सेन्टीमीटर रखें।
खाद- उर्वरक-5 टन गोबर कि खाद अथवा कम्पोस्ट प्रति हैक्टयर कि खेत में डालनी चाहिए। साथ ही, 75 कि ग्रा. डीएपी का प्रयोग करे।
सुनील कुमार खोईवाल, कृषि अधिकारी, कृषि विभाग राजस्थान