1 करोड़ 19 लाख हैक्टयर में जमेगी रबी

नई दिल्ली 24-Oct-2024 10:52 AM

1 करोड़ 19 लाख हैक्टयर में जमेगी रबी

(सभी तस्वीरें- हलधर)

गौरतलब है कि इस साल मानसून की अच्छी बारिश प्रदेश में हुई है। इस कारण रबी फसल बुवाई बढऩे की संभावना है। इसी को ध्यान में रखते हुए कृषि विभाग ने भी निर्धारित लक्ष्य में पिछले साल के मुकाबले सात लाख हैक्टयर क्षेत्र की बढौत्तरी की है। गौरतलब है कि इस साल 1 करोड़ 19 लाख हैक्टयर क्षेत्र में रबी फसल बुवाई का लक्ष्य रखा गया है। जबकि, पिछले साल 1 करोड़ 12 लाख हैक्टयर का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। 
सभी फसलों का बढ़ाया लक्ष्य
कृषि विभाग के आंकडो पर गौर करें तो इस साल गेहंू की बुवाई के लिए 32 लाख हैक्टयर का लक्ष्य तय किया है। जबकि, पिछले साल 31 लाख हैक्टयर क्षेत्र में किसानों ने गेहूं बुवाई की थी। वहीं, जौ के लक्ष्य में भी खासी बढौत्तरी की गई है। इस साल 3.80 लाख हैक्टयर क्षेत्र में बुवाई का लक्ष्य रखा गया है। जबकि, पिछले वर्ष 2 लाख 83 हजार हैक्टयर क्षेत्र में फसल की बुवाई हुई थी। 
चना की भी बढेगी बुवाई
रबी के दौरान दलहनी फसलों का भी बुवाई क्षेत्र बढने का अनुमान है। गौरतलब है कि रबी मौसम में चना, मसूर और मटर की बुवाई किसान करते है। इस साल चना बुवाई के लिए साढे 22 लाख हैक्टयर से अधिक क्षेत्र का लक्ष्य निर्धारित किया है। जबकि, वर्ष 2023-24 के दौरान प्रदेश में 18 लाख 17 हजार हैक्टयर क्षेत्र में फसल की बुवाई हुई थी। 
42.98 लाख में तिलहन
जारी लक्ष्यो के अनुसार इस साल सरसों की बुवाई के लिए 40.50 लाख हैक्टयर का लक्ष्य तय किया है। जबकि, पिछले साल 40 लाख हैक्टयर क्षेत्र में फसल की बुवाई हुई थी। वहीं, तारामीरा का बुवाई क्षेत्र बढाने के प्रयास कृषि विभाग ने किए है। पिछले वर्ष 1.74 लाख हैक्टयर क्षेत्र में तारामीरा की बुवाई हुई थी। जबकि, इस साल 2 लाख 30 हजार हैक्टयर क्षेत्र का लक्ष्य रखा गया। सकल तिलहनी फसल बुवाई के लिए 42.98 लाख हैक्टयर क्षेत्र का लक्ष्य कृषि विभाग ने रखा है। 
एसएसपी का करें उपयोग
संयुक्त निदेशक (आदान) डॉ. लक्ष्मणराम ने खाद- उर्वरक के संबंध में एडवाइजरी जारी की है। उन्होंने सलाह दी है कि किसान सरसों फसल की बुवाई में डीएपी के स्थान पर सिंगल सुपर फास्फेट और यूरिया का प्रयोग करें। सरसों एक तिलहनी फसल है और सल्फर, तेल की मात्रा में वृद्धि करता है। पौधों को स्वस्थ रखने के साथ पैदावार को बढ़ाता है। इसके उपयोग से फली में दानों की संख्या भी बढ़ती है। किसान तीन कट्टे सिंगल सुपर फास्फेट और एक कट्टा यूरिया फसल बुवाई पूर्व काम में लें। एसएसपी लागत में भी डीएपी से किफायती है। वहीं, एसएसपी फसल को सल्फर भी उपलब्ध करवाता है।


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