बाजार भाव ने छीनी सौंफ से खूशबू पिछले साल से आधे रह गए भाव

नई दिल्ली 30-Apr-2024 04:15 PM

बाजार भाव ने छीनी सौंफ से खूशबू पिछले साल से आधे रह गए भाव (सभी तस्वीरें- हलधर)

जयपुर। पिछले तीन-चार सालों से सौंफ के बेहत्तर दामों ने प्रदेश में सौंफ की खेती का दायरा बढ़ाने का काम किया है। इसके चलते प्रदेश में सौंफ की खेती के बुवाई क्षेत्र में 10-12 हजार हैक्टयरर क्षेत्र की बढौतरी दर्ज हुई है। किसानों का कहना है कि इस फसल से उत्पादन अच्छा मिलता है। साथ ही,बाजार के साथ देने पर अच्छी आमदनी भी मिलती है। लेकिन, इस साल सौंफ के भाव किसानों को मायूस किए हुए है। क्योंकि, वर्ष 2022 की तुलना में सांैफ के प्रति क्विंटल भाव घटकर आधे रह गए है। हालांकि, कम हुए दामों के बावजूद भी किसानों के लिए यह फसल लाभकारी बनी हुई है। जहां गत वर्ष सीजन की शुरुआत से ही किसानों को अच्छ भाव मिले थे। मंडियो में फसल की आवक के साथ किसानों को 12 हजार से लेकर 18 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक भाव मिले थे। जो बाद में बढ़कर 24 हजार रुपए क्विंटल तक जा पहुंचे थे। लेकिन, इस बार सौंफ  मात्र 6 हजार से 12 हजार रुपए प्रति क्विंटल के भाव पर बिक रही है। जो कि गत वर्ष के मुकाबले आधे ही हैं।

बुवाई क्षेत्र बढ़कर 28 हजार के पार

कृषि विभाग के बुवाई आंकडों पर गौर करें तो वर्ष 2021-22 के दौरान प्रदेश में 19 हजार हैक्टयर से थोड़े अधिक क्षेत्र में सौंफ की बुवाई दर्ज हुई थी। लेकिन, वर्ष 2022=23 के दौरान बेहत्तर भावों के चलते किसानों का रूझान सौंफ उत्पादन की ओर बढ़ा। इसके चलते करीब 10 हजार हैक्टयर क्षेत्र में सौंफ की ज्यादा बुवाई दर्ज हुई। वर्ष 2023 में 28 हजार से ज्यादा क्षेत्रफल में बुवाई किसानों ने की। उत्पादन भी अच्छा मिला। लेकिन, बाजार में उपज आई तो भाव दगा कर गए।

नहीं मिल रही निर्यात मांग

इस बार एक मौसम ने सौंफ  की क्वालिटी पर भी बड़ा असर डाला है। बुवाई के समय सौंफ  की अच्छी स्थिति थी।  लेकिन, फ्लोवरिंग स्टेज के वक्त अचानक मौसम में बदलाव हुआ और गर्मी बढ़ गई। सौंफ  के फू ल वहीं सूख गए। अगेती सौंफ  में 20 प्रतिशत ही दाना बन पाया। वहीं, बाजार ने भी साथ नहीं दिया। सौंफ के  दामों में बढौत्तरी नहीं होने के पीछे कारोबारी निर्यात मांग नहीं होना बता रहे है। जानकारी के अनुसार गत वर्ष सौंफ  के दामों में आई रिकार्ड तेजी में जीरे का अहम रोल रहा था। जीरे में तेजी के बाद बड़ी मात्रा में जीरे के स्थान पर सौंफ  की खरीद की गई। गौरतलब है कि गत वर्ष जीरा 800 रुपए किलो तक बिका थ। लेकिन, इस बार जीरे के दाम 300 से 250 रुपए किलो ही रह गए तो इसका सीधा-सीधा असर सौंफ के दामों पर पड़ा है।

व्यापारिक वर्ष सौंफ के प्रति क्विंटल भाव

    2019-20

    41281

    2020-21

    40046

    2021-22

    26185

    2022-23

    31122

    2023-24

    18888


ट्रेंडिंग ख़बरें