चने की निकली लिवाली, प्रति क्विंटल 500 का आया उछाल (सभी तस्वीरें- हलधर)
जयपुर। स्टाकिस्टों की लिवाली के चलते इन दिनों चने के भाव निरंतर उछल रहे हैं। एक सप्ताह के दौरान चने में लगभग 500 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी आ चुकी है। जयपुर मंडी में मिल डिलीवरी चना 6100 रुपए प्रति क्विंटल बिक गया। चना दाल मीडिमय भी इतनी ही तेजी के साथ 7200 रुपए प्रति क्विंटल पहुंच गई। कारोबारियों के मुताबिक डिमांड को देखते हुए चने में और मजबूती के आसार हैं। मई के अंत तक चना 400 रुपए प्रति क्विंटल और महंगा हो सकता है। सरकार ने चने का एमएसपी 5440 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित कर रखा है, मगर इन भावों पर बाजार में चना उपलब्ध नहीं है। चने की आवक देश के सभी उत्पादक राज्यों में हो रही है। राजस्थान की मंडियों में प्रतिदिन करीब एक लाख कट्टे चने की आवक होने के समाचार हैं। कोटा और आसपास की मंडियों में 30 हजार कट्टे चना रोजाना उतर रहा है। चने की आवक अलग-अलग राज्यों में जलवायु के अनुसार फरवरी से अप्रैल तक होती है। सबसे पहले महाराष्ट्र में मौसम फरवरी में गर्म हो जाता है। जिससे वहां नई फसल आकर 70 प्रतिशत मंडियों में किसानी माल आ चुका है। इसके बाद मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में नया चना आता है।
आवक का दबाव
इन मंडियों में भी चने की आवक का दबाव नहीं बन पा रहा है। बताया जा रहा है कि इस बार चने की उत्पादकता प्रति हैक्टयर कम बैठ रही है। सबसे बाद में राजस्थान की कोटा लाइन में माल आता है। इसके बाद नोहर, भादरा, सवाईमाधोपुर, सार्दलपुर, सरदारशहर, तारानगर आदि मंडियों में चने की आवक होती है। मध्य प्रदेश की मंडियों में चने की आवक पिछले साल के मुकाबले 20 फीसदी कम हो रही है। राजस्थान की मंडियों में चने की आवक में धीरे-धीरे इजाफा हो रहा है। संभावना है कि 25 अप्रैल तक चने की आवक का दबाव बढ जाएगा। हालांकि मटर के भाव नीचे होने से चने की खपत में थोड़ी कमी आ सकती है।
सरकार ने बढाई पंजीयन सीमा
प्रबन्ध निदेशक, राजफैड ने बताया कि चना, सरसो खरीद के लिए कृषक पंजीयन की सीमा को 10 प्रतिशत तक बढाया गया है। इस निर्णय से चने, सरसों के लिए कुल 68386 किसानों को अतिरिक्त लाभ मिलेगा। उन्होंने बताय कि अब तक 20675 किसानों से लगभग 44665 मै.टन सरसों-चना राशि 252 करोड़ रुपये का क्रय किया जा चुका है।
गेहूं उत्पादकों को राहत
सरकार ने गेहूं उत्पादक किसानों को राहत दी है। सरकार स्तर पर जारी आदेश के अनुसार अब एमएसपी पर किसानों से सोलह क्विंटल प्रति बीघा तक गेहूं की खरीद की जाएगी। इससे पहले बारह क्विंटल की सीमा निर्धारित थी। इस बार अच्छी पैदावार के चलते किसानों की मांग थी कि खरीद की सीमा को सरकार स्तर पर बढ़ाया जाए। इसके बाद अब सरकार स्तर पर गेहूं खरीद की सीमा बढ़ा दी गई है।