धनिया नरम, जीरा 48 हजारी

नई दिल्ली 18-Apr-2023 05:16 PM

धनिया नरम, जीरा 48 हजारी (सभी तस्वीरें- हलधर)

जयपुर। मसालों की बढ़ती महंगाई के बीच लोगों को राहत मिलने वाली है। इस साल ज्यादा पैदावार होने की वजह से पिछले तीन से चार माह के दौरान धनिये की कीमतों में भारी गिरावट देखी जा चुकी है।  धनिये के भावों में इन दिनों हल्का सुधार आकर भाव लगभग स्थिर हो गए है, लेकिन, खपत बराबर बनी हुई है। उधर, जीरे के भाव 48 हजारी हो गए है। इस साल जीरा बुवाई क्षेत्र और उत्पादन कम आने के चलते प्रदेश की कृषि मंडियो में जीरे की छलांग बढ़ती जा रही है। कारोबारियो का कहना है कि जीरे के औसतन भाव 40 हजार के भीतर बने हुए है। लेकिन, उत्तम क्वालिटी का जीरा इससे ऊंचे भाव पर बिक्री हो रहा है। नागौर मंड़ी में पिछले दिनों जीरे की अधिकतम बोली 48 हजार रूपए लगाई गई। उधर, कोटा मंड़ी में धनिया मशीनक्लीन ईगल कोटा के भाव 80 रुपए प्रति किलो जीएसटी पेड पर लगभग स्थिर बोले जा रहे हैं। इसी प्रकार, धनिया स्कूटर मशीनक्लीन कोटा 90 रुपए प्रति किलो जीएसटी पेड में व्यापार हो रहा है।

डेढ़ लाख बोरी की आवक

राजस्थान, मध्य प्रदेश एवं गुजरात की मंडियों में इन दिनों लगभग डेढ़ लाख बोरी धनिया प्रतिदिन उतर रहा है। उधर, धनिये का उत्पादन यूक्रेन, बुलगारिया और रूस में भी होता है। विदेशी धनिये में तेल की मात्रा ज्यादा होती है। लिहाजा, मसाले बनाने वाले बड़ी मात्रा में इसका उपयोग नहीं कर सकते हैं।

उठी सौंफ की महक

कृषि उपज मंडी लालसोट की फिजां इन दिनों सौंफ की खुशबू से महक रही है। बीते माह सरसों का सीजन पिटने के बाद अब मंडी मे  सौंफ की आवक परवान पर है। मंडी में सौंफ की 5 हजार से अधिक बोरी की आवक प्रतिदिन बनी हुई है। जगह जगह सौंफ की ढेरिया लगी हुई दिखाई देती है। लालसोट मंडी की सौंफ की खुशबू औरक्वालिटी ने अब देश के साथ विदेशों तक भी पहचान बना ली है और विदेशों से भी लगातार डिमांड होने के चलते मंडी के कारोबार फल-फूल रहा है। विदेशी डिमांड व गत वर्ष के मुकाबले पैदावार कम होने के चलते इस बार मंडी में सौंफ के भावों में रिकॉर्ड तोड़ उछाल आ गया है। आढ़तियों के अनुसार सौंफ के दाम कभी भी 18 हजार तक नहीं पहुंचे हैं।

केन्द्र ने जारी किए आदेश : गेहूं के खरीद नियमों में मिली छूट

जयपुर। सरकारी तंत्र की लेटलतीफी की वजह से किसी भी गेहूं खरीद केंद्र पर खरीद सुचारू नहीं हो पा रही। कहीं बारदाना नहीं पहुंचा है तो कहीं परिवहन और उठाव कार्य को लेकर अधिकृत ठेकेदार को कार्य आदेश जारी नहीं किया गया है। इस वजह से किसान एमएसपी से कम रेट में फसल बेचने को मजबूर हो रहे हैं। सरकारी खरीद कब से शुरू होगी, यह बड़ा सवाल बन गया है। केंद्र सरकार स्तर पर गुणवत्ता को लेकर कुछ छूट जारी करने के बाद अब राज्य सरकार की ओर से राहत मिलने के इंतजार में किसान बैठे हैं। किसानों और व्यापारियों की मांग है कि जन आधार कार्ड और गिरदावरी की अनिवार्यता को राज्य सरकार हटा ले। इसके कारण किसान फसल नहीं बेच पा रहे हैं।

यह दी राहत

भारत सरकार के उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की ओर से गेहूं की खरीद के दौरान क्वालिटी के आधार पर कटौती करने का आदेश जारी कर दिया गया है। इसमें गेहूं की चमक और दाने की क्वालिटी को विभिन्न भागों में बांटा गया है। गेहूं खरीद के वर्ष 2023-24 के दौरान राजस्थान राज्य के सम्बन्ध में मार्च माह में बारिश, ओलावृष्टि और तूफान के साथ मेघ गर्जन से गेहूं की फसल प्रभावित हुई थी। इस कारण सिकुड़े हुए एवं टूटे हुए दाने व चमकहीन गेहूं के समर्थन मूल्य 2125 रुपए प्रति क्विंटल से खरीद के सम्बन्ध में पांच रुपए से 31 रुपए तक कटौतियां करने की बात कही गई है। इसमें अगर गेहूं के दाने छह से आठ प्रतिशत तक सिकुड़े व टूटे हुए होंगे तो 5.31 रुपए प्रति क्विंटल कटौती होगी। इसी तरह छह प्रतिशत से कम होने पर कटौती नहीं होगी। आठ से दस प्रतिशत से अधिक गेहूं के दाने टूटे होने पर 10.62 रुपए प्रति क्विंटल कटौती होगी।

छूट से क्या फायदा

इस बार बरसात और अंधड़ की वजह से गेहूं के दाने सिकुड़ गए। चमक भी प्रभावित हुई। प्रशासन ने इस बारे में गुणवत्ता नियमों में छूट देने को लेकर सरकार को पत्र लिखा। इसके बाद केंद्र सरकार ने ज्यादा देरी किए बिना खरीद नियमों शिथिलता देने का निर्देश जारी कर दिया है। छूट संबंधी आदेश जारी कर सरकारी खरीद को सुचारू बनाने का प्रयास किया जा रहा है। नियमों मे शिथिलता देने के बाद अब ज्यादातर गेहूं की खरीद कुछ कटौती करके हो जाएगी।


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