कभी 14 लाख का कर्ज, अब जैविक ने बनाया लखपति किसान रामधन
(सभी तस्वीरें- हलधर)
तेजपुरा, जयपुर। हाथों को मेहनत की आदत हो तो खेत भी चमत्कार दिखा देते है। जी हां, ऐसे ही अनुभवों से दोचार है जैविक किसान रामधन चौधरी। जिन्होने जैविक से ना केवल कर्ज चुकता किया। बल्कि, सालाना 15-18 लाख रूपए का शुद्ध मुनाफा भी कमा रहे है। किसान रामधन ने बताया कि जैविक किसान के लिए फायदें का सौदा है। क्योंकि, इसमें उपज की कीमत ज्यादा मिलती है। वहीं, लागत काफी कम हो जाती है। गौरतलब है कि किसान रामधन जैविक सब्जी, अनाज और बागवानी फसलों का उत्पादन ले रहे है। किसान रामधन ने हलधर टाइम्स को बताया कि परिवार के पास साढे 12 बीघा जमीन है। पिताजी के खेती संभालने तक पढ़ाई की। लेकिन, समय के साथ कुछ परिस्थितियां ऐसी बनी की परिवार के ऊपर लाखों रूपए का कर्ज हो गया। इस स्थिति को देखते हुए पहले गाड़ी चलाई। इससे कर्ज से पार पाने के बाद जैविक खेती का रूख किया। जैविक की राह में थोड़ी बहुत परेशानी आई। लेकिन, अब जो फायदा जैविक से मिल रहा है, उसके आगे कुछ नहीं है। उन्होंने बताया कि 8 साल से जैविक तौर-तरीके से फसलो का उत्पादन ले रहा हॅू। खेत पर जैविक आदान की इकाई स्थापित की हुई है। इससे सभी फसलों में काफी लाभ मिल रहा है। उन्होंने बताया कि सिंचाई के लिए एक ट्यूबवैल और दो फार्मपौंड है। परम्परागत फसलों में बाजरा, गेहं, जौ, चना का उत्पादन लेता हॅॅू। इन फसलों से लाभ लेने के लिए मल्टीग्रेन आटा तैयार करके 90 रूपए प्रति किलो की दर से बिक्री कर रहा हॅू।

18 किस्मों के 500 पेड़
उन्होंने बताया कि टिकाऊ आय के लिए खेत में 18 किस्मों के 500 फलदार पौधें लगाए हुए है। इनमें आम, अमरूद, किन्नू, लीची, मौसमी, संतरा, कैरूदां, बेर, अनार, मोरिंगा, सीताफल, लेहसवा आदि शामिल है। उन्होने बताया कि बेर, सीताफल, मोरिंगा के पौधों से आमदनी मिलना शुरू हो गई है। पिछले सीजन में लाख रूपए की आमदनी बेर की फसल से मिली है।
घी 1400 रूपए किलो
उन्होने बताया कि पशुधन में मेरे पास 2 गाय, 5 भैंस और 20 से ज्यादा बकरी है। उन्होंने बताया कि दुग्ध की बिक्री नहीं करते है। घी तैयार करके 1400 रूपए प्रतिकिलो के भाव से बिक्री करता हॅू। इसके अलावा छाछ से भी अच्छी आय मिलती है। उन्होने बताया कि बकरी पालन से सालाना 60-70 हजार रूपए सालाना की आय मिल जाती है। उन्होनेे बताया कि पशु अपशिष्ट से वर्मी कम्पोस्ट खाद तैयार कर रहा हॅू।