बीटी कपास की बुवाई करना चाहते हैं। (सभी तस्वीरें- हलधर)
पाठक। मैने अनार का बगीचा लगा रखा हैं। पौधो में फल आना शुरू हो गए हैं। कृपया मुझे अनार पैकिंग और भंड़ारण की वैज्ञानिक तकनीक के बारे में जानकारी दें।
नरसाराम, बालोतरा
हलधर टाइम्स। तुड़ाई के बाद फ ल आकारानुसार ग्रेडिंग करें। इसके बाद फ लों को टोकरियों में पैक करें। टोकरी के नीचे और ऊपर ढकने के लिए सूखी घास काम में ली जा सकती है। इस तरह से पैकिंग किये गए फ ल को लम्बी दूरी तक भेजा जा सकता है। भण्डारित अनार के फ लों को लम्बे समय तक अच्छी तरह भण्डारित करके रखा जा सकता है। इसके फ ल 0 से 4.5 डिग्री से.ग्रे. तापमान तथा 80-85 प्रतिशत सापेक्षित आद्र्रता में 6-7 माह तक नहीं सिकुड़ते और ना ही खराब होते हैं। फ लों को अधिक मात्रा में भण्डारण परतों में 16-18 किलो के कैरेट में 0 से 4.5 डिग्री से.ग्रे. तापमान और 80 प्रतिशत आद्र्रता पर रख कर किया जाता है।
पाठक। प्याज को शीतगृह में कैसे भंडारित किया जाता हैं। विस्तार से जानकारी देवें।
रसीद खान, अलवर
हलधर टाइम्स। कम तापमान (0-2 डिग्री सेन्टीग्रेड) तथा 65 से 70 प्रतिशत आर्द्रता वाले वातावरण में प्याज 8 से 10 महीने तक टिके रहते हैं। इस दौरान वजन में मामूली कमी होती है। जबकि बीमारियों का प्रकोप नहीं होता है। परन्तु शीतगृह से निकलने के तुरन्त बाद प्रस्फुटन की समस्या उत्पन्न होती है और यह समस्या पहले 15-20 दिनों में ही 40-50 प्रतिशत तक हो सकती है। शीतगृह में भण्ड़ारण का खर्च अधिक आता है । परन्तु निर्यात के लिए और बीज उत्पादन के लिए कन्द भण्ड़ारण करना लाभप्रद रहेगा। शीत भण्ड़ारण तथा विकिरण को संयुक्त रूप से अपनाकर भण्ड़ारण नुकसान को बहुत कम (3-5 प्रतिशत) किया जा सकता है। इसके लिए आवश्यक है कि विकिरण केन्द्र तथा शीत भण्ड़ारगृह साथ-साथ बनाये जाए।
पाठक। मैने नीबूं का बगीचा लगा रखा हैं। पौधो पर फल आ रहे हैं। लेकिन, फल में सुराख हो रहा हैं। इसका कारण क्या हैं। उपचार बताएं।
भोजाराम, टोंक
हलधर टाइम्स। आपने फल के जो लक्षण बताएं हैं। वह फल चूसक पतंगा के लग रहे हैं। यह कीट फल में सुराख करके रस चूसता है। जिससे संक्रमित भाग पीला पड़ जाता है। फल की गुणवत्ता कम हो जाती है। कीट नियंत्रण हेतु रोशनी का प्रयोग कर पतंगों को इकट्ठा करके मार देंवे। शीरा अथवा शक्कर 100 ग्राम के एक लीटर घोल में दस मिलीलीटर मैलाथियॉन 50 ईसी मिलाकर प्रलोभक तैयार करके मिट्टी के प्याले में 100 मिलीलीटर प्रति प्याला पेड़ के ऊपर कई स्थानों पर टांग देना चाहिये। मैलाथियॉन 50 ईसी एक मिलीलीटर प्रति लीटर पानी का घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिये।
पाठक। बीटी कपास की बुवाई करना चाहते हैं। पौधे से पौधे की दूरी कितनी रखें। जिससे अच्छा उत्पादन मिले।
देवकी नंदन, अलवर
हलधर टाइम्स। बीटी कपास की बुवाई के लिए पौधे से पौधे की दूरी 2.5 से 2.5 फीट होनी चाहिए। बुवाई के पश्चात अच्छी बढ़वार और पौध मजबूती के लिए निराई-गुड़ाई करते रहे।