पशु पोषण के लिए चारागाह जरूरी

नई दिल्ली 09-May-2024 06:22 PM

पशु पोषण के लिए चारागाह जरूरी (सभी तस्वीरें- हलधर)

प्रदेश में चारागाह अतिक्रमण की भेंट चढ़ते जा रहे है। इसके चलते किसान और पशुपालक के सामने चारे की समस्या साल दर साल गहराती जा रही है। एक दुधारू पशु को प्रतिदिन 5 किलोग्राम हरे चारे और 15 किलोग्राम भूसे अथवा सूखे चारे की आवश्यकता होती है जिसका बाजार मूल्य 75 से 90 रूपए बैठता है। किसान भूसा तैयार करता है तो उसे बायलर और भट्टों में जलाने के लिए ऊचें दाम पर उद्योगपति खरीद लेते हैं। इस तरह भूसे का अकाल बढ़ रहा हैं। साथ ही, पशु कुपोषण की समस्या। साधारण पशुपालक के लिए पशुपालन बूते से बाहर हो रहा है। भूखा और कुपोषित जानवर कब तक और कितना दूध देगा? यह सोचनीय और चिन्तनीय हैं। पशु आहार की बढ़ती समस्या को लेकर हलधर टाइम्स की डॉ. शंकर लाल चौधरी से हुई वार्ता के मुख्याशं...
जीवन परिचय
बाड़मेर जिले के राखी गाँव से ताल्लुक रखने वाले डॉ. शंकर लाल चौधरी वर्तमान में पशु चिकित्सालय, सिवाना (बाड़मेर) में पशु चिकित्सक के पद पर कार्यरत हैं। राजस्थान पशु विश्वविद्यालय, बीकानेर से स्नातकोत्तर करने के बाद डॉग क्लिनिक से अपने कॅरियर की शुरूआत की है। वर्ष २०१३ में मोबाइल वेटरनरी यूनिट, चोहटन में पदस्थापित हुए। वर्ष २०१८ में उत्कृष्ठ सेवाओं के लिए ब्लॉक स्तर पर जिला प्रशासन द्वारा सम्मानित किए गए। 
>     असंतुलितआहार किन समस्याओं को जन्म देता है?
असंतुलित आहार के कारण पशु में आनुवंशिक क्षमता से कम दुग्ध उत्पादन, छोटा दुग्ध-काल और दो ब्यांत के बीच अधिक अंतराल, प्रजनन क्षमता में कमी, पशु में उपापचयी समस्या जैसे कि मिल्क-फीवर, कीटोसिस की सम्भावना और धीमा शारीरिक विकास जैसी हानि उठानी पड़ती हैं।
>     पशुपालकचारे की पौष्टिकता को कैसे बढ़ा सकता है ?
हरे चारे की कमी के कारण पशु की निर्भरता रेशेदार सूखे चारे पर अत्यधिक बढ़ जाती है। अत: सूखे चारे की पौष्टिकता बढ़ाने में यूरिया घोल, यूरिया-शीरा, खनिज तरल मिश्रण और यूरिया शीरा खनिज ब्लॉक सहायक होते हैं। स्थानीय उपलब्धता के अनुसार अरडू, खेजड़ी, बबूल,  पीपल, नीम, गूलर, बरगद, शहतूत आदि की पत्ति पशु को खिलानी चाहिए। सरसों की पत्ती और दूसरे हरे चारे को, सूखी घास और कडबी के साथ कुट्टी बनाकर खिलाने से चारा व्यर्थ नहीं जायेगा। आहार में खनिज लवण की कमी को दूर करने के लिए पशु को प्रतिदिन 50 ग्राम मिनरल मिक्सचर पाउडर खिलाना जरूरी रहता हैं।
>     चारेकी समस्या से कैसे निजात पाई जा सकती हैं ?
किसान/ पशुपालक को सरकार चारा मिनीकिट बांट रही हैं। लेकिन, मिनीकिट का किसान क्या उपयोग कर रहा है। इसक ी कोई मॉनिटरिंग नहीं कर रहा हैं। किसान समूह बनाकर चारा उत्पादन बढ़ाया जा सकता है। चारे के बढ़ते दाम पर लगाम लगाने के लिए ग्राम स्तर पर चारा डि़पो ग्राम सेवा सहकारी समिति के माध्यम से संचालित हो सकते है। गौशालाओं को जमीन और आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाकर चारा उत्पादन बढ़ाया जा सकता हैं। चारा उत्पादन को मनरेगा में शामिल किया जा सकता हैं।
>     गाय-भैंस में दुग्ध उत्पादन कैसे बढ़ाया जा सकता हैं ?
गाय-भैंस में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए सूखे और हरे चारे के साथ आवश्यकतानुसार बांटा खिलावे। साथ ही, खनिज लवण और साधारण नमक नियमित रूप से पशु को दे। वर्ष में दो बार कृमिनाशक दवा पशु को दे। अधिक दुग्ध उत्पादन और उन्नत संतति के लिए उच्च गुणवत्ता वाले नर सांड से प्राकृतिक परिसेवा अथवा कृत्रिम गर्भाधान द्वारा गर्भित करवाना चाहिए। कम उत्पादक नर पशु को बधिया करवाया जाना चाहिए। मादा पशु के ताव में नहीं आने अथवा गर्भ नहीं ठहरने की स्थिति में तुरन्त पशु चिकित्सक से सम्पर्क करके उपचार कराना चाहिए। ताकि, पशु का शुष्क समय न्यूनतम रखा जा सके। इसके अलावा पशु आवास प्रबंधन अन्त: और बाह्य परजीवी से मुक्त होना चाहिए।


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