ज्यादा बारिश सरसों कमजोर
(सभी तस्वीरें- हलधर)शायद यही कारण है कि प्रदेश में सरसों का औसत बुवाई रकबा पिछले साल समानवधि से भी पिछड़ गया है। पिछले साल 33.63 लाख हैक्टयर क्षेत्र में सरसों की बुवाई दर्ज हुई थी। लेकिन, इस साल अभी तक 31.21 लाख हैक्टयर क्षेत्र में ही फसल की बुवाई हो पाई है। गौरतलब है कि सरसों की अगेती फसल में अब निराई-गुड़ाई का काम किसानों ने शुरू कर दिया है। ऐसे में सरसों का रकबा बढऩे की उम्म्मीद ज्यादा नहीं रही है। गौरतलब है कि इस साल कृषि विभाग ने सरसों बुवाई के लिए 40.50 लाख हैक्टयर का लक्ष्य निर्धारित किया था। लक्ष्य की तुलना में सरसों की बुवाई 77.07 लाख हैक्टयर क्षेत्र में हुई है। उधर, गेहूं की बुवाई अच्छी बढ़त दिखा रही है। गेहूं की बुवाई लक्ष्य से 47 फीसदी हो चुकी है। जबकि, किसानों के पास गेहूं बुवाई के लिए दिसम्बर तक का समय शेष है। ऐसे में कहा जा सकता है कि इस साल गेहूं की बुवाई लक्ष्य से ज्यादा रह सकती है। नजर डाले सरसों बुवाई के आंकडों पर तो उत्पादन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, जयपुर अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली, चुरू जिले में निर्धारित लक्ष्य से काफी कम बुवाई हुई है। हालांकि, कृषि विभाग के अधिकारी सरसों बुवाई लक्ष्य तक पहुंचने की बात कह रहे है। लेकिन, बुवाई के आंकड़े कहानी कुछ अलग ही बयां कर रहे है। उधर, सरसों की फसल खेतों पर में यौवन पाने लगी है। सर्दी भी अपना असर दिखा रही है। उल्लेखनीय है कि एक करोड़ 19 लाख हैक्टयर लक्ष्य की तुलना में रबी फसलों की बुवाई 78.67 लाख हैक्टयर क्षेत्र में हो चुकी है।
सरसों में कालर रॉट
जिन किसानों ने सरसों की फसल में पहले ही सिंचाई कर ली है और उनकी फसल में झुलसने के लक्षण (कालर रॉट बीमारी) दिखाई दे रहे हैं, तो वे इसके निदान को लेकर तत्काल स्ट्रेप्टोमाइसिन 200 पीपीएम (200 मिलीग्राम प्रति लीटर पानी) का एवं कार्बेन्डाजिम 50 डब्ल्यू.पी. 2 ग्राम प्रति लीटर का घोल बनाकर पौधों पर छिड़काव करें। ध्यान रखें कि छिड़काव संक्रमित फसल पर ही करें।
फसल बुवाई फसल बुवाई
गेहूं 14.81 जौ 2.41
चना 17.23 सरसों 31.21
तारामीरा 0.73 अलसी 0.09
बुवाई क्षेत्र लाख हैक्टयर में।