मेहंदी में पौध संरक्षण

नई दिल्ली 26-Sep-2024 02:07 PM

मेहंदी में पौध संरक्षण

(सभी तस्वीरें- हलधर)

यहां करीब 40 हजार हैक्टयर क्षेत्र में फसल का उत्पादन लिया जाता है। सोजत में मेंहदी की मण्डी, पत्तियों का पाउडर और पैकिंग करने के कई कारखाने है। मेंहदी की फसल में दीमक, जडग़लन और दूसरी बीमारियों के कारण पौधें सूख जाते है। 

जड़ गलन 
पौध शाला से पौधे उखाड़कर 0.1 प्रतिशत कार्बेन्डाजिम के घोल में जड़े भिगोकर पौध रोपण करें। खड़ी फसल में 1 ग्राम कार्बेन्डाजिम प्रति लीटर पानी में घोलकर रोग प्रभावित पौधों की जड़ों में डालें। 
पत्ती धब्बा
सामान्य से अच्छी वर्षा की स्थिति में पौधों पर पत्ती धब्बा रोग का प्रकोप पाया जाता है। इसके नियंत्रण हेतु 0.2 ग्राम मैन्कोजेंब प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। 
पत्ती भक्षक लट 
पत्ती लट का प्रकोप होने पर क्युनालफ ॉस 25 ईसी 1.0 -1.50 लीटर दवा 500 से 700 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। धूल के रूप में क्युनॉलफ ॉस 1.5 प्रतिशत चूर्ण 20-25 किलो प्रति हैक्टयर की दर से भुरकाव करें। जैविक नियंत्रण हेतु भुने हुए बाजरे का चुग्गा खेत में 8-10 जगह स्टेण्ड बनाकर रखें। चुग्गे के आकर्षण से चिडिय़ां खेत में आकर लटों को खा जाती है। 
दीमक 
दीमक नियंत्रण हेतु कार्बोफ्यूरॉन 3 जी 25 किलो प्रति हैक्टयर अथवा क्लोरपायरीफ ॉस 20 ईसी 4 लीटर प्रति 3200 लीटर पानी में घोलकर प्रति हैक्टयर की दर से छिड़काव करें। 
रस चूसक कीट
सफेद मक्खी और हरा तेला आदि रस चूसक कीडों के नियंत्रण हेतु ट्राईजोफ ॉस 40 ईसी 1.50 लीटर अथवा एसीफेट 75 एसपीउ 500 ग्राम अथवा डाइमिथोएट 30 ईसी 1 लीटर 500 से 700 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।


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