मूंग फसल में कीट प्रबंधन - मूंग कम समय के पकने वाली एक महत्वपूर्ण दलहनी फसल

नई दिल्ली 13-Aug-2024 01:46 PM

मूंग फसल में कीट प्रबंधन - मूंग कम समय के पकने वाली एक महत्वपूर्ण दलहनी फसल (सभी तस्वीरें- हलधर)

डॉ. सुमन चौधरी, डॉ. मनीषा शर्मा, पिंकी शर्मा, श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि महाविद्यालय, जोबनेर, जयपुर 
मूंग कम समय के पकने वाली एक महत्वपूर्ण दलहनी फसल है। मूंग का उत्पादन खरीफ , रबी और जायद में भी लिया जाता है। मूंग की फसल में विभिन्न अवस्थाओं में अनेक प्रकार के कीट लगने की सम्भावना रहती है। यदि इन कीटों का सही पहचान करके उचित समय पर नियंत्रण कर लिया जाए तो उपज का काफी भाग नष्ट होने से बचाया जा सकता है।
फली छेदक:  फिरोमोन ट्रेप और प्रकाश प्रपंच का प्रयोग करें। लट नियंत्रण हेतु फूल आने से पूर्व एन.पी.वी. 250 एल.ई. 1 मिलीलीटर प्रति लीटर की दर से छिड़कें। आवश्यकता हो तो एन.पी.वी. फिर से उपयोग करें। अथवा एजेडीरेक्टीन 0.0& ईसी. 5 मिली प्रति लीटर अथवा नीम के बीजों के 5 प्रतिशत घोल भी फूल और फली आने की अवस्था में छिड़़कें। अथवा इण्डोक्साकार्ब 14.5 एससी. 0.5 मिली. प्रति लीटर अथवा इमामेक्टिन बेन्जोयेट 5 प्रतिशत एसजी. 0.4 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिडकाव करें।
कातरा:  खेत के चारों तरफ खाइयां खोद दें। एक-दो परात में मिट्टी के तेल मिले पानी मिलाकर रखें। अथवा  इमामेक्टिन बेन्जोयेट 5 प्रतिशत एसजी. 0.4 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिडकाव करें।
सफेद मक्खी: 
रोकथाम हेतु इमिडाक्लोप्रिड 70 डब्ल्युएस 5 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से उपचारित करें। खडी फसल में ईमिडाक्लोप्रिड 17.8 एसएल. &00 मिली. दवा को 500 लीटर पानी में घोलकर प्रति हैक्टयर की दर से छिडकाव करें।
जैसिड:  खडी फसल में प्रकोप होने पर ईमिडाक्लोप्रिड 17.8 एसएल. 200 मिली. दवा को 500 लीटर पानी में घोलकर प्रति  हैक्टयर की दर से छिडकाव करें।


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