दुग्ध और सब्जी उत्पादन से बचत 7 लाख

नई दिल्ली 13-Aug-2024 02:28 PM

दुग्ध और सब्जी उत्पादन से बचत 7 लाख (सभी तस्वीरें- हलधर)

मिनी डेयरी से सम्पन्नता पाने वाला यह किसान है किशनलाल डांगी। पहले डांगी परम्परागत फसलों के उत्पादन से जुडे हुए थे। लेकिन, सालाना आय का आंकड़ा 2 लाख से ज्यादा नहीं बढ़ा पाएं। लेकिन, दो भैंस के सहारे शुरू किये डेयरी के काम से आय बढ़ी है। आय का आंकड़ा बढ़कर 7 लाख पहुंच चुका है। बढ़ती आय के बाद पशुधन की संख्या भी बढ़कर एक दर्जन से ज्यादा हो गई है। 99292-90794
सांगरिया, चित्तौडगढ़। पशुपालन के जरिये परिवार की आर्थिक स्थिति को बदलने वाला यह किसान है किशनलाल डांगी। यह किसान पहले परम्परागत फसलों की खेती से जुड़ा रहा। काफी -दौड़ धूप करने के बाद भी खेती से सालाना आय में बढौत्तरी नहीं हुई। इसके बाद घरेलू पशुधन के सहारे पशुपालन का काम शुरू किया। परिणाम यह रहा कि अब पशुधन से सालाना डेढ़ से दो लाख रूपए का शुद्ध लाभ प्राप्त हो रहा है। इससे सकल आय का आंकड़ा 7 लाख के करीब पहुंच चुका है।  किसान किशनलाल ने हलधर टाइम्स को बताया कि मेरे पास 16 बीघा कृषि भूमि है। सिंचाई के लिए ट्यूबवैल है। 10वीं पास करने के साथ ही खेती करना शुरू किया था। लेकिन, दिन-रात मेहनत करने के बाद भी खेती से परिवार का खर्च ही निकाल पाता था। लेकिन, अब स्थिति बदल चुकी है। पशुपालन और सब्जी उत्पादन से परिवार की आर्थिकी में काफी सुधार आया है। उन्होंने बताया कि दो भैंसों के सहारे छह साल पहले पशुपालन का कार्य शुरू किया था। लेकिन, अब यह कार्य मेरे लिए व्यवसाय बन चुका है। क्योंकि, मैने दुग्ध बिक्री से हुए लाभ को उन्नत नस्ल के पशुधन खरीद में निवेश किया है। इससे पशुधन की संख्या में बढौत्तरी होती गई । वहीं, आय में भी सुधार हुआ है । उन्होंने बताया कि वर्तमान में मेरे पास 3 गिर नस्ल की गाय और 10 भैंस है। इनसे प्रतिदिन 40-50 लीटर दुग्ध का उत्पादन मिल रहा है। दुग्ध का विपणन 50 रूपए प्रति लीटर की दर से डेयरी को कर रहा हॅू।  
परम्परागत फसलो में यह
उन्होंने बताया कि पहले रबी और खरीफ फसलो की खेती तक सीमित रहा। लेकिन, बाद में लहसुन, गन्ना और अफीम की खेती भी शुरू कर दी। इससे आमदनी में इजाफा हुआ है। उन्होंने बताया कि परम्परागत फसलो में गेहूं, मूंगफली, सरसों का उत्पादन ले रहा हॅू। उन्होंने बताया कि गन्ने की फसल से 35-40 हजार रूपए प्रति बीघा की आय हो जाती है। 
सब्जी-बेर से लाख
उन्होंने बताया कि क्षेत्र के दूसरे किसानों को देखते हुए सब्जी फसल की खेती से भी जुड़ा हूँ। सब्जी फसल में मिर्च और भिंड़ी की खेती ज्यादा करता हॅू। इन फसलों से सालाना 60-70 हजार रूपए का शुद्ध लाभ मिल जाता है। उन्होंने बताया कि सब्जी फसल के साथ बागवानी में भी कदम बढ़ाएं है। एप्पल बेर के तीन दर्जन से ज्यादा पौधें लगाए हुए है। इससे सब्जी और बेर से कमाई का आंकड़ा लाख रूपए तक पहुंच चुका है। 


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