जिंदगी की भागमभाग ने बना दिया किसान, सकल आय 2 लाख

नई दिल्ली 16-Sep-2024 09:04 AM

जिंदगी की भागमभाग ने बना दिया किसान, सकल आय 2 लाख

(सभी तस्वीरें- हलधर)

खेती के आधुनिक तौर-तरीके अपनाने वाले उदयलाल मीणा कहते हैं कि छोटे किसानों को छोटी जोत से निराश होने की जरूरत नहीं है। वह मानते हैं कि यदि प्रदेश के छोटे और सीमांत किसान मेहनत और लगन से उन्नत खेती करे तो आर्थिक रूप से समृद्ध हो सकते हैं। कृषि वैज्ञानिक इसमें पूरा सहयोग दे रहे है। पहले मेरी आमदनी 40 लाख रूपए सालाना थी,  वैज्ञानिक मार्गदर्शन से बढ़कर डेढ़ से दो लाख रूपए सालाना हो चुकी है। समन्वित कृषि से यह संभव हुआ है। मोबाइल 73002-64081
मांडवी, प्रतापगढ़। परिवार से जुड़ी अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए इंसान जीवन भर भागता रहता है। लेकिन, किसान उदयलाल ने तो परिवार की माली हालत को देखते हुए बचपन में भी भागना शुरू कर दिया था। पहले गुजरात, फिर मुंबई में दिहाड़ी करने के बाद अब गांव में खेती कर रहे है। साथ ही, राजमिस्त्री का काम भी। किसान उदयलाल मीणा का कहना है कि कृषि वैज्ञानिकों के सम्पर्क में आने के बाद खेतों से सालाना डेढ़ से दो लाख रूपए की आमदनी मिलने लगी है। किसान उदयलाल ने बताया कि एक समय हालात यह थे कि परिवार में कोई बीमार हो जाएं तो उसके इलाज के लिए भी पैसे उधार मांगने पड़ते थे। कुछ ऐसी ही पारिवारिक परिस्थितियों ने तीन जमात पढऩे के बाद मुझे अहमदाबाद पहुंचा दिया। यहां पर एक होटल पर काम किया। लेकिन, यहां ज्यादा समय नहीं रूका। यहां से सीधे मुंबई पहुंच गया। उसके बाद मार्बल और टाइल जोडने का काम सीखा। बाद में राजमिस्त्री का काम करने लगा। परिवार की आर्थिक स्थिति सुधरने के बाद गांव लौट आया। अब खेती के साथ-साथ राजमिस्त्री का काम भी कर रहा हॅू। गौरतलब है कि किसान उदयलाल के पास कुल 3 बीघा जमीन है। 
यह किया बदलाव
उन्होने बताया कि खेती से जुडऩे के बाद कृषि विज्ञान केन्द्र, प्रतापगढ़ के कृषि वैज्ञानिकों से मुलाकात हुई। उनके मार्गदर्शन में फसल उत्पादन के तौर-तरीकों में बदलाव किया। साथ ही, उन्नत बीज का प्रयोग करने लगा। इससे खेतों से आय में बढौत्तरी हुई। इसके बाद थोड़े रकबे में सब्जी फसलों का भी उत्पादन लेने लगा। सब्जी फसलों में भिंड़ी, बैंगन और ग्वार फली शामिल है। इसके बाद खेत की मेड पर पपीता के पौधें लगाना शुरू कर दिया। इस तरह सालाना डेढ़ से दो लाख रूपए की आमदनी खेती से होने लगी है। जबकि, पहले 40-50 हजार रूपए सालाना की आय मिलती थी। 
पशुपालन से भी आय
उन्होंने बताया कि पशुधन में मेरे पास एक जोड़ी बैल, 1 गाय, 1 भैंस है। इसके अलावा 2-3 बकरी है। दुग्ध ज्यादा होने पर डेयरी को बिक्री कर देता हॅू। पशु अपशिष्ट खाद के रूप में काम आ जाता है।


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