खेत हुए भगवा तो 7 गुना तक बढ़ी बचत

नई दिल्ली 30-Jul-2024 06:45 PM

खेत हुए भगवा तो 7 गुना तक बढ़ी बचत (सभी तस्वीरें- हलधर)

खेत हुए भगवा तो 7 गुना तक बढ़ी बचत

अक्सर कहा जाता है कि भगवान देता है तो छप्पर फाड़ कर देता है। लेकिन, मिलता उसी को है, जो मेहनत करता है। किसान परबत सिंह के साथ भी यही हुआ है । पहले परम्परागत फसलों से सालाना पांच से सातल लाख रूपए की आमदनी मिलती थी। लेकिन, अनार की बागवानी से जुडऩे के बाद आय का पर्वत नजर आने लगा है। किसान परबत सिंह ने बताया कि 7 हैक्टयर क्षेत्र में लगे अनार के बगीचे से सालाना 50 लाख रूपए की बचत मिलने लगी है। मोबाइल 6350168271

ऊडू, बाड़मेर। खेती से शोहरत हासिल करने वाले लोग विरले ही होते है। ऐसे ही मेहनतकश किसान है परबत सिंह। जिन्होने अपनी सूझबूझ से आय को सात गुना कर दिखाया है। समझो किसान के खेत में अब नोटो की फसल उग रही है। अब आपके मन में प्रश्र उठ रहा होगा कि यह कैसे संभव हुआ। इसका जबाव है, अनार की खेती। 5000 पौधों के दम पर यह किसान 50 लाख रूपए की शुद्ध कमाई ले रहा है। जबकि, परम्परागत खेती से मेहनत के बावजूद सालाना 5-7 लाख रूपए का मुनाफा किसान परबत सिंह को मिलाता था। किसान परबत सिंह ने हलधर टाइम्स को बताया कि सात साल पहले तक मुनाफे का आंकड़ा 5 से 7़ लाख रूपए पर अटका हुआ था। लेकिन, जैसे ही अनार के पौधों से उत्पादन मिलना शुरू हुआ, आमदनी के आंकड़े में एकदम से बूम देखने को मिला। उन्होंने बताया कि इस बार आमदनी और बढ़क र मिलेगी। क्योंकि, बरसात अच्छी रहने के चलते पौधों पर फूल-फल अच्छी संख्या में देखने को मिल रहे है। गौरतलब है कि स्नातक करने के बाद किसान परबत सिंह ने खेती को आजीविका का साधन बनाया। उन्होंने बताया कि मेरे पास 150 बीघा जमीन है। सिंचाई के लिए ट्यूबवैल है। उन्होंने बताया कि खेती की जिम्मेदारी संभालने के बाद पहले तो परम्परागत फसलो की खेती करता रहा। लेकिन, अनार की बागवानी से किसानों की सम्पन्नता को देखने के बाद अनार की खेती से जुडऩे का मन बनाया। इसी का परिणाम है कि परम्परागत की तुलना में सात गुना तक आय में बढौत्तरी देखने को मिल रही है।  परम्परागत फसलों में अरंड़ी, जीरा, रायड़ा, सरसों, मूंग, बाजरी और ग्वार का उत्पादन लेता हॅॅूू।
7 हैक्टयर में भगवा
उन्होंने बताया कि क्षेत्र के दूसरे किसानों को अनार की खेती करते देखकर मैने भी इस ओर कदम बढाएं। 7 साल पहले 7 हैक्टयर जमीन में अनार का बगीचा स्थापित किया। बगीचे से पिछले साल 50 लाख रूपए का शुद्ध मुनाफा मिला है। बगीचे में ड्रिप लगी हुई है। जल बचत के लिए पानी की डिग्गी बनाई हुई है। 
पशुपालन से आय
पशुधन में मेरे पास 5 गाय है। वैज्ञानिक तरीके से पशु आवास तैयार किया हुआ है। पशु आहार भी मानक स्तर का ही खरीद रहा हॅू। इससे प्रतिदिन 25-30 लीटर दुग्ध का उत्पादन मिल रहा है। दुग्ध घर में काम आ जाता है। पशु अपशिष्ट से जैव कीटनाशक और खाद बनाकर अनार की फसल में उपयोग कर रहा हॅू।
स्टोरी इनपुट: शंकरलाल कांटवा, हंसराज सेन, डॉ. रावतराम, केवीके, दांता, बाड़मेर


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