एमबीए पास ने जॉब छोड़कर महकाई फिजां, कमाई 13 लाख

नई दिल्ली 21-Aug-2024 11:50 AM

एमबीए पास ने जॉब छोड़कर महकाई फिजां, कमाई 13 लाख (सभी तस्वीरें- हलधर)

बात जब फूलों की होती है तो चर्चा उनकी खुशबू और गुणवत्ता तक ही सीमित रह जाती है। फूलों से मिलने वाली आय पर किसी का ध्यान नहीं जाता है। लेकिन, ऐसे भी लोग है, जो अच्छी खासी नौकरी छोड़कर फूलों की खेती से अपना जीवन महका रहे है। ऐसे ही किसान है एमबीए पास किसान है कपिल जैन। जो गुलाब की खेती के साथ उसके प्रसंस्कृत उत्पाद भी तैयार कर रहे है। साथ ही, औषधीय फसलों की ओर भी कदम बढ़ा चुके है। गौरतलब है कि खेती से जुडऩे से पूर्व कपिल मुबंई में नौकरी करते थे। उनका कहना है कि खेती में रूचि होने के कारण जॉब छोड़कर इससे जुड़ा। वर्तमान में गुलाब और स्ट्रॉबेरी की खेती से सालाना 12-13 लाख रूपए का शुद्ध मुनाफा कमा रहा हॅू। जबकि, 20-25 लाख रूपए की आमदनी परम्परागत फसलों के उत्पादन से मिल जाती है। मोबाइल 99203-45737
बनियानी, कोटा। पत्ती-पत्ती होकर बिखरनेे वाला गुलाब फिजां को ही नहीं, किसानों की आमदनी को भी महकाता है। खेतों को गुलाब से महकाने वाले ऐसे ही किसान है कपिल जैन। जो अब स्ट्रॉबेरी के साथ-साथ औषधीय फसलों की ओर कदम बढ़ा चुके है। किसान राजू का कहना है कि गुलाब और स्ट्रॉबेरी के उत्पादन से सालाना 12-12 लाख रूपए की बचत मिल जाती है। गौरतलब है कि किसान कपिल गुलाब के प्रसंस्कृत उत्पाद तैयार कर रहे है। उन्होंने बताया कि ये आय परम्परागत फसलों से मिलने वाली आय से अलग है। किसान कपिल ने हलधर टाइम्स को बताया कि परिवार के पास 100 बीघा जमीन है। परिवार की आर्थिक स्थिति शुरू से ही बेहत्तर रही। एमबीए करने के बाद जॉब के सिलसिले में मुबंई चला गया। करीब 11 साल तक नौकरी करने के बाद गांव लौट आया और खेती में नवाचार करने लगा। उन्होंने बताया कि गुलाब और स्ट्रॉबेरी के उत्पादन को अभी ज्यादा समय नहीं हुआ है। लेकिन, भविष्य का ताना-बाना अब खेती में नजर आने लगा है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में फसलों की स्थिति को देखने के बाद गुलाब की खेती का रूख किया। करीब 5 साल से गुलाब का उत्पादन ले रहा हॅू। इससे खर्च निकालने के बाद साढे चार से पांच लाख रूपए की शुद्ध आमदनी मिल जाती है। गौरतलब है कि किसान कपिल 6 बीघा क्षेत्र में गुलाब की खेती कर रहे है। 
गुलाब प्रसंस्कृत उत्पाद 
उन्होंने बताया कि गुलाब की खेती से जुडऩे के बाद बाजार खपत का आंकलन करके शेष रहने वाली उपज से प्रसंस्कृत उत्पाद भी तैयार करना शुरू कर दिया। गुलाब जल तैयार करने का संयंत्र स्थापित किया। साथ ही, सूखी गुलाब पत्ती के लिए सोलर ड्रायर का उपयोग कर रहा हॅू। तैयार उत्पादों को थोक में सप्लाई कर रहा हॅू। 
स्ट्रॉबेरी से अच्छी आमदनी
उन्होने बताया कि गुलाब की खेती में सफलता मिलने के बाद स्टॉबेरी खेती का रू ख किया। करीब डेढ़ बीघा क्षेत्र में स्ट्रॉबेरी का उत्पादन ले रहा हॅॅू। उत्पादन लागत निकालने के बाद इस फसल से सालाना 6-7 लाख रूपए की बचत मिल रही है।
परम्परागत फसलों का उत्पादन
उन्होने बताया कि परिवार के पास 100 बीघा जमीन है। सिंचाई के लिए ट्यूबवैल है। परम्परागत फसलो में धान, सोयाबीन, सरसों, चना, गेहंू सहित दूसरी फसलों का उत्पादन लेता हॅू। इन फसलों से सालाना 20-25 लाख रूपए की आय मिल जाती है। 
व्यवसायिक पशुपालन की तैयारी
उन्होंने बताया कि पशुधन में मेरे पास तीन गाय है। प्रतिदिन 8-10 लीटर दुग्ध का उत्पादन होता है। दुग्ध घर में काम आ जाता है। वहीं, पशु अपशिष्ट से कम्पोस्ट खाद तैयार कर रहा हॅू। उन्होने बताया कि जल्द ही पशुपालन को भी व्यवसायिक रूप दूंगा। 
स्टोरी इनपुट: एनबी मालव, उपनिदेशक, उद्यान, कोटा


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