मैकेनिकल इंजीनियर घर-घर पहुंचा रहे है सब्जियां

नई दिल्ली 02-Sep-2024 02:16 PM

मैकेनिकल इंजीनियर घर-घर पहुंचा रहे है सब्जियां

(सभी तस्वीरें- हलधर)

किसानों की आय बढौत्तरी के लिए बुक माय फ्रेश के नाम से शुरू किया स्टार्टअप

कॉलेज भविष्य का नीति निर्धारक होता है। कई खट्टे-मीठे अनुभव यहां स्टूडेंट को मिलते है। चाहे अनुभव शिक्षाविदो से मिले अथव फिर गांव-शहर से ताल्लुक रखने वाले दोस्तों से। बुक माय फ्रेश के नाम से शुरू हुए स्टार्टअप की आधारशिला भी किसान परिवारों से जुड़े नौनिहाल ही है। किसानों के लिए स्टार्टअप शुरू करने वाले मैकेनिकल इंजीनियर शीतल ओझा और अमन सक्सेना का कहना है कि कॉलेज के दौरान किसान परिवारों से जुड़े दोस्तों से खेती के बारे में काफी कुछ जानने समझने को मिला। इस कारण मन में किसानो के लिए कुछ अलग करने का जुनून पैदा हुआ, जिसने बुक माय फ्रेश का रूप लिया। फिलहाल स्टार्टअप का दायरा राजधानी जयपुर तक है। लेकिन, जैसे-जैसे किसानों से जुड़ाव बढेगा, कृषि उत्पादो की संख्या भी बढ़ती जायेगी। गौरतलब है कि हाल ही में शुरू हुए स्टार्टअप की मासिक कारोबारिक रफ्तार 4 लाख रूपए तक पहुंच चुकी है। मोबाइल 88905-81425

जयपुर। कहते है जुनून व्यक्ति की जिंदगी को कई मोड़ देता है। इसका सटीक उदाहरण है मैकेनिकल इंजीनियर शीतल और अमन। जिन्होंने बुक माय फ्रेश के नाम से अपना स्टार्टअप शुरू किया है। ताकि, सब्जी उत्पादक किसानों को मार्केट से ज्यादा दाम अपने उत्पाद के मिल सके  और उपभोक्ताओं को भी गुणवत्तापूर्ण और ताजा सब्जियां घर बैठे उपलब्ध हो सके। गौरतलब है कि इनके स्टार्टअप को अभी ज्यादा समय नहीं हुआ है। लेकिन, कारोबारिक रफ्तार महीने के चार लाख तक पहुंच चुकी है। इंजीनियर से सब्जी विके्रता के रूप में पहचान बनाने वाली शीतल ओझा ने हलधर टाइम्स को बताया कि पढ़ाई के दौरान किसान परिवार से जुड़े दोस्त भी शामिल रहे। बुक माय फे्रश स्टार्टअप का आइडिय़ा वहीं से मिला। साथ रहने के दौरान दोस्त खेती-बाड़ी से जुड़ी परेशानियां बताते थे। ऐसे में किसानों से जुड़कर कुछ नया करने का मन बना और यह जुनून बुक माय फे्रश स्टार्टअप के रूप में सामने आया। उन्होने बताया कि इस स्टार्टअप को अभी चार-पांच माह का समय हुआ है। लेकिन, सब्जी उत्पादक किसानों से जुड़कर एक अलग ही खुशी महसूस हो रहीे है। उन्होंने बताया कि इस स्टार्टअप का उद्धेश्य सब्जी उत्पादक किसानों को अपने उत्पाद का वाजिब दाम मुहैया करवाना है। साथ ही, उपभोक्ताओं को मांग मुताबिक ताजा सब्जियां की आपूर्ति। गौरतलब है कि इन्होंने 5 लाख रूपए निवेश के साथ इस स्टार्टअप को धरातल दिया है। उन्होने बताया कि स्टार्टअप इंडिया के तहत भी सरकार से शुरूआती मदद मिली है।

किसानों को मूल्य की गारंटी

उन्होने बताया कि सब्जी उत्पादक किसानों से हम एमओयू करके बाजार दर से ज्यादा दाम में सब्जी खरीदने की गारंटी दे रहे है। दो दर्जन से ज्यादा किसान हम से जुड़ चुके है। उपभोक्ताओं के बढ़ते विश्वास को देखते हुए समय के साथ दूसरे कृषि उत्पादों पर भी हमारी नजर है। जैविक सब्जी उत्पादक किसानों से भी हम सम्पर्क कर रहे है।

कभी खेती से नहीं रहा जुड़ाव

उन्होने बताया कि परिवार के किसी भी सदस्य का खेती से कभी जुड़ाव नहीं रहा है। लेकिन, किसान परिवारो से जुडे कॉलेज के दोस्तों ने हमें किसानों से जुड़कर उनके लिए कुछ करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि किसानों के सामने बड़ी समस्या बिचौलियों की है। इस कारण किसानों को अपने उत्पाद के उचित दाम नहीं मिल पाते है। लेकिन, यहां कोई बिचौलियां नहीं है। उन्होंने बताया कि किसानों द्वारा आपूर्ति दी गई सब्जियों को मांग के आधार पर उपभोक्ताओं तक समय पर पहुंचाया जा रहा है। इससे दर्जनभर से ज्यादा लोगो को रोजगार भी मिला है।


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