सब्जी से पाया सम्पन्नता का छोर, कमाई 5 लाख
(सभी तस्वीरें- हलधर)
बस्सी, चित्तौडग़ढ़। कहते है कमाई का कोई छोर नहीं होता। पढ़ा लिखा व्यक्ति कमाई के लिए डिग्री लेकर यहां-वहां घूमता है। वहीं, हाथ के हुनर वाला व्यक्ति घर बैठे लाखों कमा लेता है। इसका सटीक उदाहरण है किसान रामेश्वर लाल भोई। मुरलीधर महज 8वीं तक पढ़ा लिखा है। लेकिन, सालाना कमाई का आंकड़ा 5 लाख रूपए तक पहुंचा चुका है। गौरतलब है कि किसान रामेश्वर ने सब्जी उत्पादन से सम्पन्नता की सीढ़ी चढ़ी है। किसान रामेश्वर ने हलधर टाइम्स को बताया कि मेरे पास 10 बीघा जमीन है। पहले जमीन बारानी थी। इस कारण खेतों में बरसाती फसलो का ही उत्पादन मिलता था। समय के साथ सिंचाई के साधन विकसित हुए तो आय का आंकड़ा भी बढ़ गया। उन्होने बताया कि जमा पूंजी से खेत में एक कुआं खुदवाया। बाद में एनीकट का पानी भी सिंचाई के काम आने लगा। उन्होंने बताया कि सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिलने से सब्जी उत्पादन का रूख किया और परिवार की सम्पन्नता बढ़ाने में सफल भी रहा। उन्होंने बताया कि परम्परागत फसलों में मक्का, मूंगफली, चना, गेहूं का उत्पादन लेता हॅू। इससे 60-70 हजार रूपए की आमदनी मिल जाती है।
ढ़ाई बीघा में सब्जी
उन्होनेे बताया कि सब्जी फसल उत्पादन से जुड़े हुए दशक से ज्यादा समय हो चुका है। सब्जी की खेती ने ही परिवार की आर्थिक स्थिति बदलने का काम किया है। उन्होने बताया कि सब्जी फसलो में फूल-पत्तागोभी, टमाटर, मैथी, पालक, स्वीटकॉर्न, मटर सहित सभी मौसमी सब्जियो का उत्पादन लेता हॅू। इन फसलों से सालाना 4 लाख रूपए की बचत हो जाती है।
किचन गार्डन से भी आय
उन्होंने बताया कि घर पर किचन गार्डन भी स्थापित किया हुआ है। इसमें सब्जी के साथ-साथ फलदार पौधें भी लगाएं हुए है। उन्होंने बताया कि फलदार पौधों में बेर, अमरूद, अनार, आम, संतरा, चीकू, मौसमी, ग्रीन एप्पल, करौंदा और सीडलेस नींबू के पौधें शामिल है। इनमें से अमरूद, आम, बेर और नींबू से सालाना 25-30 हजार रूपए की आमदनी मिल रही है। गौरतलब है कि किसान रामेश्वर के पास 1 गाय और दो भैंस है।