सब्जी उत्पादन से आय ढ़ाई लाख
(सभी तस्वीरें- हलधर)लेकिन, कहते है ना एक आइडिया जीवन बदल देता है। इनके साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। कृषि विभाग के एक कार्यक्रम में सब्जी उत्पादन के गुर सीखने को मिले। फिर आधा बीघा क्षेत्र से सब्जी फसलों का उत्पादन शुरू किया। इससे 50-60 हजार रूपए सालाना की अतिरिक्त आमदनी मिलना शुरू हो गई। इससे सकल आमदनी का आंकड़ा ढ़ाई से तीन लाख रूपए तक पहुंच चुका है। मोबाइल- 9873725374
झालरा, टोंक। बीघा भर जमीन के रकबे में परम्परागत फसलों के उत्पादन से 15-20 हजार रूपए की आय खर्च निकालने के बाद मिलती थी। लेकिन, अब सब्जी उत्पादन से आय का आंकड़ा लाखों में पहुंच चुका है। सब्जी फसल उत्पादन से परिवार की आमदनी बढ़ाने वाली यह महिला कृषक है भूरी देवी मीणा। भूरी देवी का कहना है कि सब्जी उत्पादन से जुडऩे के बाद 50-60 रूपए की अतिरिक्त आमदनी होने लगी है। महिला कृषक किसान भूरी देवी ने हलधर टाइम्स को बताया कि मेरे पास 6 बीघा जमीन है। इस पर पहले परम्परागत फसलों का उत्पादन होता है। लेकिन, सब्जी उत्पादन से जुडऩे के बाद परिवार की आर्थिक स्थिति बदल चुकी है। बता दें कि भूरी देवी साक्षर है। लेकिन, खेती के उन्नत तौर-तरीकें उनके प्रगतिशील किसान होने की कहानी बयां करते है। उन्होंने बताया कि कृषि विभाग के कार्यक्रम में शामिल होने का मौका मिला। यहां पर सब्जी उत्पादन की आधुनिक तकनीक के बारे में जानकारी प्रदान की गई। फिर, सब्जी उत्पादन की अधिक जानकारी के लिए क्षेत्रीय अधिकारियों से सम्पर्क किया।सब्जी उत्पादन का प्रशिक्षण भी प्राप्त किया। मेरे लिए सब्जी उत्पादन का कार्य परम्परागत फसलों से ज्यादा लाभकारी साबित हो रहा है। उन्होंने बताया कि परम्परागत फसलों में सरसों, गेहूं, मक्का, ज्वार, उड़द का उत्पादन लेती हॅू। इन फसलों से दो से ढाई लाख रूपए की आय मिल जाती है।
बूंद-बूंद से भरा घट
उन्होंने बताया कि कृषि वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन में एक बीघा क्षेत्र में प्लास्टिक मल्च और बूंद-बूंद सिंचाई का उपयोग करते हुए सब्जी उत्पादन शुरू किया। शुरूआती साल में आय का आंकड़ा थोड़ा कम रहा। लेकिन, अब एक बीघा क्षेत्र में पैदा हो रही सब्जी फसलों से सालाना 50-60 हजार रूपए का शुद्ध लाभ मिल जाता है।
लाभकारी पशुपालन
उन्होंने बताया कि पशुधन में मेरे पास 4 भैंस, 1 गाय और 2 बकरी है। प्रतिदिन 8-10 लीटर दुग्ध का उत्पादन मिल रहा है। दुग्ध ज्यादा होने पर बिक्री कर देती हॅू। अन्यथा घर में ही काम आ जाता है। पशु अपशिष्ट से कम्पोस्ट खाद तैयार करके उपयोग में ले रही हॅू।