सब्जी उत्पादन से बालचंद की बढ़ी कमाई,1बीघा से कमाते है 1लाख

नई दिल्ली 02-Oct-2024 12:30 PM

सब्जी उत्पादन से बालचंद की बढ़ी कमाई,1बीघा से कमाते है 1लाख

(सभी तस्वीरें- हलधर)

गौरतलब है कि किसान बालचंद ने बीघा भर क्षेत्र बैंगन उगाकर लाख रूपए से ज्यादा का शुद्ध लाभ कमाया है। वहीं, प्याज और लहसुन की फसल भी लाभकारी साबित हो रही है। जबकि, पहले सालाना दो लाख रूपए की आमदनी खेती से मिलती थी। मोबाइल 98286-22005
सलोतिया, झालावाड। खेती से लाभ कमाने का जुनून हो तो किसान करत-करत अभ्यास... की तर्ज पर बहुत जल्द समृद्धि पा सकता है। किसान बालचंद दांगी ने कुछ ऐसा ही किया है। पांच साल पहले किसान बालचंद ने सब्जी फसलों का उत्पादन लेना शुरू किया। वर्तमान में तीन से चार बीघा क्षेत्र में सब्जियों का उत्पादन ले रहा है। इससे ेकमाई बढ़कर 5-6 लाख रूपए तक पहुंच गई है। जबकि, पहले परम्परागत फसलों के उत्पादन से दो लाख रूपए की आमदनी मिलती थी।  किसान बालचंद ने हलधर टाइम्स को बताया कि परिवार के पास कुल 13 बीघा जमीन है। सिंचाई के लिए दो कुएंं है। उन्होंने बताया कि 5वीं पास करने के बाद पढ़ाई छोड़ दी। उसके बाद से ही खेती कर रहा हॅू। उन्होंने बताया कि पहले सब्जी फसलों का उत्पादन नहीं करता था। लेकिन, कृषि विज्ञान केन्द्र से जुडऩे के बाद तकनीक आधारित सब्जी फसलो का उत्पादन लेना शुरू किया। इसी का परिणाम है कि सब्जी फसलों के रकबे से दोगुना आमदनी प्राप्त हो रही है। उन्होंने बताया कि एक बीघा क्षेत्र से पांच साल पहले सब्जी फसलों का उत्पादन लेना शुरू किया। आमदनी अच्छी मिली तो बुवाई का रकबा चार बीघा तक बढ़ा दिया।  सब्जियों की बुवाई बेड़ और मल्च के साथ करता हॅू। इससे खरतपवार में कमी आई है। वहीं, फल की गुणवत्ता में भी सुधार देखने को मिला है। उन्होंने बताया कि परम्परागत फसलों में गेहूं, चना, मैथी, सोयाबीन और मक्का के साथ-साथ पशुओं के लिए चारा फसल का उत्पादन लेता हॅू। इन फसलों से सालाना दो लाख रूपए की बचत मिल जाती है।
सब्जी फसलों में यह
उन्होंने बताया कि प्याज-लहसुन की फसल में सफलता मिलने के बाद अब बैंगन,  ग्वारफली, मिर्च का उत्पादन ले रहा हॅू। प्याज-लहसुन की बुवाई तीन से साढे तीन बीघा क्षेत्र में करता हॅू। जबकि, बैंगन सहित दूसरी सब्जी फ सल का उत्पादन बीघा भर क्षेत्र में लेता हॅू। प्याज-लहसुन से दो से ढ़ाई लाख और सब्जी फसल से लाख से सवा लाख रूपए की बचत मिल रही है। 
दुग्ध से आय
पशुधन में मेरे पास 5 भैंस है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 10-12 लीटर दुग्ध का विपणन डेयरी को 65-70 रूपए की औसत दर से कर रहा हॅू। खर्च निकालने के बाद दुग्ध उत्पादन से 6-7 हजार रूपए की मासिक आमदनी मिल जाती है। पशु अपशिष्ट से कम्पोस्ट खाद तैयार करके उपयोग में ले रहा हॅू।
स्टोरी इनपुट: डॉ. सेवाराम रूंडला, डॉ. योगेन्द्र कुमार, डॉ टीसी वर्मा,  डॉ. एम युनुस, केवीके, झालावाड़


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कहते है कि परिवार के आर्थिक हालात ठीक नही हो तो सफलता के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है। किसान औंकारमल मेघवाल के साथ भी यही हुआ है। औंकार ने बताया कि पहले खेतों से पैदावार कम मिलती थी। इससे परिवार का खर्च निकालना भी मुश्किल लगता था। मजबूरी में रोटी-रोटी की तलाश ने मुझे दुबई पहुंचा दिया। आठ साल में जो कमाया, यहां लौटकर खेतों में निवेश किया। इसी का परिणाम है कि अब खेतों से 10-12 लाख रूपए सालाना की आमदनी मिल रही है। गौरतलब है कि किसान औकारमल डेढ़ दशक से सब्जी फसलो की खेती कर रहे है। साथ ही, इन्होने प्रति बीघा परम्परागत फसलों का उत्पादन बढ़ाने में भी सफलता पाई है। मोबाइल 9983231901