शैतान को खेती से 9 लाख -आय बढ़ाना किसी चुनौति से कम नही

नई दिल्ली 21-Aug-2024 11:45 AM

शैतान को खेती से 9 लाख -आय बढ़ाना किसी चुनौति से कम नही (सभी तस्वीरें- हलधर)

रेतीली भूमि में आय बढ़ाना किसी चुनौति से कम नही है। लेकिन, आत्मबल, आधुनिक कृषि तकनीक और वर्षा जल संरक्षण जैसे कार्यो से किसान अपनी आर्थिकी को बदल सकता है। किसान शैतान, नाम से जरूर शैतान है। लेकिन, कृषि नवाचार अपनाने में दूसरे किसानों को पीछे छोड़ चुका है। समेकित खेती से सालाना 8-9 लाख रूपए की आय ले रहा है। उल्लेखनीय है कि किसान शैतान आईटीआई करने के बाद खेती से जुड़ा है। 9828733427
आसलसर, नागौर। रेतीलें खेतों और लवणीय पानी में अपने इरादों को मंजिल देने वाला किसान है शैतान। शैतान ने अपने नाम के इतर जाकर कृषि में नवाचारों को अपनाया है। सालाना 8-9 लाख रूपए का शुद्ध लाभ शैतान को खेती से हो रहा है। कोरोनाकाल में शैतान ने आय बढौैत्तरी के लिए घर में ऑयस्टर मशरूम का उत्पादन लिया। मशरूम उत्पादन का कार्य अब भी जारी है। किसान शैतान ने हलधर टाइम्स को बताया कि परिवार के पास 35 बीघा कृषि भूमि है। पिताजी के खेती करते हुए मैने पढ़ाई की। 12वीं पास करने के बाद आईटीआई की। कुछ साल खाली बैठा रहा। लेकिन, बाद में खेती से जुड़ गया। उन्होंने बताया कि परम्परागत फसल उत्पादन का अनुभव तो मुझे था। लकिन, कोरोना के संक्रमण काल में आय बढ़ाने की सोच ने मुझे कृषि विज्ञान केन्द्र, मौलासर से जोड़ दिया ।  केन्द्र के वैज्ञानिकों ने मुझे घर में आयस्टर मशरूम के उत्पादन से जोडऩे का काम किया। उन्होंने बताया कि वैज्ञानिकों की तकनीकी सहायता से मशरूम की खेती शुरू करने लगा। घर के बाहर कच्चे कमरे में मशरूम उगाने के लिए गेहूं का भूसा एकन्न कर प्लास्टिक के बैग में भरकर बीज की बुवाई कर दी। कुछ दिन बाद ढींगरी मशरूम तैयार होने लगी। उन्होंने बताया कि मशरूम की इस किस्म के  लिए सर्दी का मौसम उपयुक्त रहता है। 20-25 डिग्री सेंटीग्रेड के तापमान की जरूरत होती है। जबकि, कमरे में आर्द्रता 90 प्रतिशत तक होनी चाहिए। इसे बंद कमरे में उगाया जाता है। इसके लिए मिट्टी की जरूरत नही होती है।
परम्परागत से 5 लाख
उन्होंने बताया कि परम्परागत फसलों में बाजरा, गेहूं, ईसबगोल, चना, मेथी, मूंगफली, ग्वार, मोठ और मूंग का उत्पादन लेता हॅू। इन फसलों से खर्च निकालने के बाद 5 लाख रूपए का मुनाफा मिल जाता है। 
6 बीघा में सब्जी
उन्होंने बताया कि पानी लवणीय होने के कारण पहले सब्जी फसलों का उत्पादन नहीं करता था। लेकिन, फार्मपौंड बनाने के बाद 6 बीघा क्षेत्र में तरककड़ी, तरबूज, लौकी, मिर्च, टमाटर आदि सब्जी फसलों का उत्पादन लेता हॅू। इन फसलों से सालाना दो से ढ़ाई लाख रूपए की आय मिल जाती है। 
बकरी-भेड़-मुर्गीपालन
किसान शैतान खेती से अतिरिक्त आमदनी के लिए पशुपालन के साथ-साथ बकरी-भेड़ और मुर्गीपालन भी कर रहा है। उन्होंने बताया कि पशुधन में 4 गाय और 5 भैंस मेरे पास है। प्रतिदिन 20 लीटर दुग्ध का उत्पादन मिलता है। दुग्ध से घी तैयार करता हॅू। इस तरह 50-60 हजार रूपए की आय मिल जाती है। छाछ को पशुओं को पिला देता हॅू। उन्होंने बताया कि 40 मुर्गियां और दो दर्जन के करीब भेड़- बकरी मेरे पास है। भेड़-बकरी से सालाना तीन लाख रूपए की आय मिल जाती है।


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