कीट-रोग से जरबेरा का बचाव

नई दिल्ली 23-Apr-2024 12:18 PM

कीट-रोग से जरबेरा का बचाव (सभी तस्वीरें- हलधर)

कीट-रोग से जरबेरा का बचाव
जरबेरा के गुलाबी, लाल, सफेद, पीले, नारंगी और गहरे लाल रंग के फूल लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते है। क्योंकि, इस फूल के बिना सजने वाला गुलदस्ता कुछ अधूरा सा लगता है। संरक्षित खेती करने वाले किसान इस पुष्प फसल का उत्पादन करते है। फसल से लाभ कमाने के लिए किसान को कीट-रोग पर नजर रखने की आवश्यकता होती है। आलेख में कीट-रोग नियंत्रण के तरीके सुझाए गए है।  
कीट सफेद मक्खी
ट्राइजोफॉस 2.0 मिली लीटर को प्रति लीटर पानी में मिलाकर 15 दिनों के अंतराल पर स्प्रेयर से छिड़काव करें।
एफिड नियंत्रण हेतु इमिडाक्लोप्रिड 1 मिली को प्रति 3 लीटर पानी में मिलाकर 15 दिनों के अंतराल पर छिड़काव करें।
लीफ  माईनर
इसके निंयत्रण हेतु ट्राइजोफॉस 1.5 मिली को प्रति लीटर पानी में मिलाकर 15 दिनों के अंतराल पर छिड़काव करें।
रोग
पाऊडरी मिल्ड्यू (बुकनी रोग)
कैराथेन 0.3 मिली अथवा कार्बेण्डाजिम 5 मिली प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।
जड़ सडऩ रोग
कार्बेण्डाजिम 2 ग्राम प्रति लीटर पानी मे मिलाकर 15 दिनों के अंतराल पर छिड़काव करें।
जड़ गलन
कैप्टान 3 मिली प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर भूमि में ड्रेन्चिंग करें।
झुलसा रोग
कार्बेण्डाजिम 1 मिली प्रति लीटर पानी में घोल का छिड़काव करें।


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