प्याज उत्पादकों को नहीं मिल रहे दाम, अब किसान कर रहे ये काम
(सभी तस्वीरें- हलधर)राजस्थान और मध्यप्रदेश के किसानों को इस बार प्याज की पैदावार ने रुला रही है। दोनों राज्यों की मंडियों में नये प्याज की भरपूर आवक हो रही है, लेकिन किसान को उचित दाम नहीं मिल रहे हैं। वर्तमान स्थिति में प्याज उत्पादक किसान बीज की लागत तक नहीं निकाल पा रहे हैं। इतना ही नहीं किसान फसल की लागत तक नहीं निकलने से अपनी फसल को सड़क किनारे फेंक रहे हैं। अलवर के किसानों ने जहां एक बार फिर आक्रोश में प्याज की बोरियों के साथ नदी में बहा दी। वहीं, मध्यप्रदेश में किसान प्याज की लागत न मिलने से ट्रॉली सड़क किनारे खाली कर रहे हैं। प्याज के गिरते दामों की वजह से अलवर के एक किसान ने तो तीसरी बार, अपने प्याज की दो ट्रॉलियां चंदपुरा-पुनखर मार्ग के बीच स्थित नदी में खाली कर दीं।
सरकार खरीदे तो मिले राहत
किसानों का कहना है कि उन्हें बाजार में प्याज का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। प्याज की पैकिंग और परिवहन में ही भारी खर्चा हो जाता है। 120 रुपये मजदूरी कटवाने में और 30 रुपये एक खाली कट्टे का खर्चा आता है। ऐसे में कुल मिलाकर एक भरा कट्टा 200 रुपये तक पड़ जाता है, जबकि मंडियों में भाव इतने कम हैं कि लागत भी नहीं निकल पा रही है। किसानों का कहना है कि अगर सरकार 10 से 12 रुपये प्रति किलो की दर से प्याज की खरीद करे, तो कुछ राहत मिल सकती है। अन्यथा किसान मजबूरी में अपनी फसल यूं ही फेंकने को मजबूर हैं। उनका कहना है कि एक बीघा प्याज में करीब पचास हजार रुपये का खर्च आता है, लेकिन लागत तक नहीं निकल रही। इस वजह से किसान रो रहा है और मरने को तैयार है।
एमपी की मंडियों में 2 रुपये किलो बिक रहा प्याज
उधर, मध्यप्रदेश में भी प्याज उत्पादक किसानों के यही हालात है। यहां मंडियों में प्याज की कीमतों में तेजी से गिरावट आई है, जिससे कई किसानों को भारी नुकसान उठाकर प्याज फसल बेचनी पड़ रही है। रतलाम कृषि मंडी में प्याज की औसत कीमत करीब 600 रुपये प्रति क्विंटल है, यानी लगभग 6 रुपये प्रति किलो। वहीं, कुछ प्याज की न्यूनतम कीमत सिर्फ 200 रुपये प्रति क्विंटल है, यानी 2 रुपये प्रति किलो। ऐसे में किसानों ने यहां भी सरकार से भी मदद की गुहार लगाई है। एक उत्पादक किसान ने बताया कि मैंने एक बीघा जमीन में प्याज बोया और 6-7 क्विंटल पैदावार हुई। लेकिन मंडी में प्याज का भाव सिर्फ 1.99 रुपये प्रति किलो मिला। ऐसे में हम परिवहन खर्च भी नहीं निकाल पा रहे हैं। मध्यप्रदेश के खंडवा में भी प्याज की कीमतें गिरकर 3 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई हैं। इससे कई किसान अपनी फसल नष्ट कर रहे हैं, क्योंकि बीज की लागत भी नहीं निकल पा रही है। किसानों ने सरकार पर निर्यात रोक का आरोप लगाया है और इस मामले में तुरंत राहत की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार ने अब तक उनकी समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया है, जिसके की वजह से खेती घाटे का सौदा बन गई है।