हाईटेक खेती से किसान की आय बढ़कर 8 लाख
(सभी तस्वीरें- हलधर)सिद्धपुरा, प्रतापगढ़। हिम्मत और हौंसला से वक्त बदलने वाले किसान है महेश पाटीदार। जिन्होंने ना केवल परिवार में बड़ा होने का फर्ज निभाया। बल्कि, खेतों को भी अपनी मेहनत और आधुनिक तकनीक से हाइटेक बना दिया। इससे आय सालाना आंकड़ा बढ़कर 7 से 8 लाख रूपए तक पहुंच चुका है। गौरतलब है कि महेश पहले ओपन फील्ड में सब्जी उत्पादन से जुड़े रहे। लेकिन, अब पॉली हाउस में खीरा फसल का उत्पादन ले रहे है। किसान महेश ने हलधर टाइम्स को बताया कि खेती की जिम्मेदारी संभालने के लिए 10वीं के बाद ही पढ़ाई छोड़ दी। तब से अपने को खेतों में पा रहा हॅू। उन्होंने बताया कि समय के साथ खेती में कई बदलाव किए है, इससे सालाना आय का आंकड़ा 8 लाख रूपए तक पहुंच चुका है। उन्होंने बताया कि मेरे पास 18 बीघा जमीन है। खेती संभालने के बाद परम्परागत फसलो का गणित पता चला। इस स्थिति को देखते हुए दशक पूर्व सब्जी फसलों का उत्पादन लेना शुरू किया। सब्जी फसलों से परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार देखने को मिला। समय के साथ कृषि वैज्ञानिकों को साथ मिला और खेतों में आधुनिक कृषि तकनीक का प्रसार हुआ। इससे मेहनत साकार होने लगी और फसल का उत्पादन भी बढ़कर मिलने लगा। उन्होंने बताया कि सिंचाई के लिए मेरे पास ओपन वैल है। परम्परागत फसलों में गेहूं, चना, धनिया, अलसी, सोयाबीन, लहसुन और बाजरा चरी का उत्पादन लेता हॅू। इन फसलों से दो से ढ़ाई लाख रूपए की औसत बचत मिल जाती है।

खीरे से दो लाख
उन्होंने बताया कि ओपन फील्ड में सब्जी उत्पादन से मिले लाभ का निवेश हाइटेक खेती में किया। 4 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में पॉली हाउस का निर्माण करवाया। उन्होंने बताया कि खीरे की पहली फसल से दो लाख रूपए का शुद्ध मुनाफा मिला है।
सब्जी से अच्छी कमाई
उन्होने बताया कि मैदानी सब्जी फसलों में मटर और फूलगोभी का उत्पादन लेता हॅू। करीब 4 बीघा क्षेत्र में इन दोनों फसलों की खेती करता हॅू। इससे सालाना ढ़ाई से तीन लाख रूपए की आय मिल जाती है। इसके अलावा 10 आरी अफीम का पट्टा मेरे पास है। इससे भी लाख रूपए की आय मिल जाती है।
उन्नत पशुपालन
उन्होने बताया कि पशुधन में मेरे पास 2 भैंस और 8 गाय है। प्रतिदिन 30 लीटर दुग्ध का उत्पादन हो रहा है। दुग्ध का विपणन 38-40 रूपए प्रति लीटर की दर से कर रहा हॅू। इससे भी अच्छी आय मिल जाती है।

स्टोरी इनपुट: डॉ. दीपक जैन, केवीके, उदयपुर