प्याज से बदली जीवनरेखा, कमाई 8 लाख

नई दिल्ली 01-Dec-2025 03:51 PM

प्याज से बदली जीवनरेखा, कमाई 8 लाख

(सभी तस्वीरें- हलधर)

इंडाली, डीडवाना-कुमाचन। बाजार जब मेहरबान होता है तो किसान के वारे-न्यारे होते देर नहीं लगती। किसान रेखाराम का अनुभव यही कहता है। किसान रेखाराम का कहना है कि प्याज की खेती में अर्श से फर्श की अब आदत हो चली है। भाव 10 रूपए से ऊपर मिले तो सालाना 4-5 लाख रूपए का औसत मुनाफा मिल जाता है। अन्यथा, लागत निकालना भी मुश्किल हो जाता है। गौरतलब है कि किसान रेखाराम खेती से सालाना 8 लाख रूपए की आय प्राप्त कर है। किसान रेखाराम ने हलधर टाइम्स को बताया कि 9वीं पास करने के साथ ही खेती से जुड़ गया। मेरे पास 20 बीघा जमीन है और सिंचाई के लिए ट्यूबवैल है। उन्होंंने बताया कि पहले तो परम्परात फसलो के उत्पादन तक ही सीमित रहा। लेकिन, फिर प्याज उपजाना शुरू किया। इस फसल में मुनाफा अच्छा मिला तो रकबा बढ़ाने लगा। अब रबी और खरीफ प्याज का उत्पादन ले रहा हॅू। उन्होंने बताया कि प्याज की खेती में भाव की उठा-पटक को कम करने के लिए उद्यानिकी विभाग की अनुदान सहायता से भंड़ारण संरचना तैयार करवाई है। इससे अब भाव-कम ज्यादा होने की चिंता नहीं रही है। उन्होंने बताया कि प्याज की फसल में प्रति किलो थोक भाव 10 रूपए से ऊपर रहने की स्थिति में ही मुनाफा मिलता है। अन्यथा लागत निकालना भी मुश्किल हो जाता है। गौरतलब है कि किसान रेखाराम 5 बीघा में खरीफ और 7 बीघा क्षेत्र में रबी प्याज का उत्पादन लेते है। उन्होंने बताया कि बाजार के साथ देने पर प्याज की फसल से औसत 5 लाख रूपए की आय मिल जाती है। 

परम्परागत से भी लाभ

उन्होंने बताया कि परम्परागत फसलों में गेहूं, मैथी, मूंगफली, ग्वार, बाजरा का उत्पादन लेता हॅॅू। इन फसलों से खर्च निकालने के बाद ढाई लाख रूपए की बचत हो जाती है। 

उन्नत पशुपालन

उन्होंने बताया कि पशुधन में मेरे पास 2 भैंस और एक गाय है। प्रतिदिन 8-10 लीटर दुग्ध का उत्पादन मिलता है। घरेलू आवश्यकता पूर्ति के बाद शेष रहने वाले दुग्ध से घी तैयार करता हॅू। पशु अपशिष्ट से कम्पोस्ट खाद तैयार करके उपयोग कर रहा हॅू।

स्टोरी इनपुट: महेश भगत, कृषि विभाग, डीडवाना-कुचामन