आमदनी को नया रंग, प्रति बीघा 800 का खर्च
(सभी तस्वीरें- हलधर)जयपुर। हीना उत्पादकों की आय को अब नया रंग मिलेगा। किसानों को अब मजदूरों की समस्या से दो चार नहीं होना पड़ेगा। साथ ही, प्रति बीघा समय, श्रम और धन की बचत भी संभव होगी। मेहंदी उत्पादक किसानों के इस सपने को पूरा किया है कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर ने। विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने हीना हार्वेस्टर का विकास किया है। इस हार्वेस्टर से एक दिन में 10 से 12 बीघा फसल की तुड़ाई आसानी से की जा सके गी। नवविकसित हार्वेस्टर को किसानों को समर्पित करते हुए कुलगुरू डॉ. वीएस जैतावत ने कहा कि मौसमी बदलाव के समय मेहंदी कटाई आवश्यक है। लेकिन, कुशल श्रमिको की कमी, ज्यादा मजदूरी और तय समय पर कटाई नहीं होने से गुणवत्ता प्रभावित होने जैसी कई समस्याएं किसानों सामने है। यह हार्वेस्टर किसानों को इन समस्याओं से निजात दिलाने में सहायक होगा। उन्होंने हिना हार्वेस्टर मशीन को सोजत मेहंदी किसान समिति को हस्तांतरित किया।

95 फीसदी निर्यात
किसान कौशल विकास केंद्र के प्रभारी डॉ प्रदीप पगारिया ने बताया कि सोजत 90 से 95 प्रतिशत मेहंदी उत्पादन के साथ प्रमुख निर्यात केंद्र है। मौसमी बदलावों के चलते फसल तैयार होने के बाद 10 से 12 दिन में मेहंदी की कटाई करना आवश्यक होता है। उस वक्त एक दिन की लेबर 1200 से 2500 के बीच आती है।