केंद्रीय कृषि मंत्री ने प्रदेश के इन दो प्रस्तावों को दी मंजूरी
(सभी तस्वीरें- हलधर)केंद्र सरकार की ओर से राजस्थान के किसानों के लिए अच्छी खबर है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने किसानों से जुड़े दो प्रस्तावों को आखिर
मंजूरी दे दी है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित कराने और उन्हें बाजार जोखिम से सुरक्षा प्रदान करने के लिए इन प्रस्तावों को मंजूर कर दिया है। कृषि मंत्रालय ने खरीफ 2025-26 के लिए राजस्थान और आंध्रप्रदेश से प्राप्त मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) और बाजार हस्तक्षेप योजना (एमआईएस) के प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की है। इन स्वीकृत प्रस्तावों का उपज मूल्य 9,700 करोड़ रुपए से ज्यादा है।
4 फसलों की रिकॉर्ड स्तर पर की जाएगी खरीद
केंद्र सरकार का कहना है कि यह निर्णय किसानों को आय सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजस्थान और आंध्रप्रदेश दोनों राज्यों के मंत्रियों तथा वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई, इस महत्वपूर्ण बैठक में राजस्थान के किसानों के लिए 4 फसलों मूंग, उड़द, मूंगफली और सोयाबीन की रिकॉर्ड स्तर पर खरीद को मंजूरी दी।
प्रदेश के लिए यह स्वीकृति देश में सबसे बड़ी खरीद पहलों में से है, जिसके तहत स्वीकृत पात्र मात्रा मूंग 3 लाख 5 हजार 750 मीट्रिक टन, उड़द 1 लाख 68 हजार मीट्रिक टन (100%), मूंगफली 5 लाख 54 हजार 750 मीट्रिक टन व सोयाबीन की 2 लाख 65 हजार 750 मीट्रिक टन हैं। इन फसलों का कुल एमएसपी मूल्य लगभग 9,436 करोड़ रुपए है। बैठक में बताया गया कि राज्य ने पॉस आधारित आधार प्रमाणीकरण लागू करने की भी तैयारी पूरी कर ली है। राज्य सरकार का निर्णय प्रदेश के लाखों किसानों को फायदा पहुंचाएगा।
हर हाल में किसानों का हित सुनिश्चित हो: कृषि मंत्रालय
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि किसानों को उपज का उचित मूल्य दिलाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल है। इस दौरान उन्होंने राज्यों से खरीद व्यवस्था चाक-चौबंद रखने को कहा, ताकि कहीं कोई गड़बड़ी न हो, उपज खरीदी का पूरा लाभ किसानों को मिलें। कृषि मंत्री के निर्देश पर कृषि मंत्रालय ने राज्यों से कहा है कि खरीद केंद्रों पर आधार-सक्षम डिवाइस उपलब्ध हों। साथ ही, किसान पंजीकरण एवं भुगतान डीबीटी के माध्यम से हो, साथ ही एफपीओ/एफपीसी को अधिक भूमिका देकर किसानों को संगठित बाजार उपलब्ध कराएं। मंत्रालय का कहना है कि हर हाल में देश के किसानों का हित सुनिश्चित होना चाहिए।